लखनऊ: लखनऊ विश्व विद्यालय के कैलाश गर्ल्स हॉस्टल का मामला अब और तूल पकड़ता जा रहा है। ताजा हालात यह है कि चीफ प्रॉक्टर समेत प्रोक्टोरियल बोर्ड के दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है और कैलाश छात्रावास समेत आसपास के इलाकें में दंगा नियंत्रण बल पीएसी और पुलिस के जवान भारी मात्रा में तैनात हैं।
बता दें कि कैलाश हॉस्टल की वार्डन शीला मिश्रा को कुलपति ने शाम पांच बजे तक हॉस्टल खाली करने के निर्देश दिए थे। लेकिन शाम के सात बजे तक शीला मिश्रा कैलाश हॉस्टल के अन्दर ही थी। जिससे छात्राओं का एक पक्ष भड़क गया। वहीँ इस मामले में समाजवादी छात्र सभा की बढ़ती दिलचस्पी ने मामले को और भी रोचक बना दिया हैं। किसी तरह का बवाल होने की आशंका के चलते प्रशासन ने भारी मात्रा में पुलिस फ़ोर्स और पीएसी तैनात कर दी गयी है।
क्या है मामला
-कैलाश छात्रावास की कुछ लड़कियों ने हॉस्टल की वार्डेन शीला दीक्षित के लड़के पर हॉस्टल के अंदर लड़कियों के साथ होली आरोप लगाया था।
-लड़कियों ने इस बाबत एक वीडियो भी दिखाया था जिसमें वार्डेन का लड़का और कुछ लड़कियां होली खेलते और नाचते नजर आ रहे थे।
- पिछले कुछ दिनों से यह मामला काफी तूल पकड़ता दिखाई दे रहा था।
-इस बात को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी थी।
-साथ ही वार्डेन को जांच होने तक मामले से दूर रहने की हिदायत भी दी गई थी।
-कुलपति ने वार्डेन को हॉस्टल छोड़ने का भी आदेश दिया था।
-कुलपति के आदेश के बावजूद वार्डेन ने हॉस्टल नहीं छोड़ा
- इस दौरान हॉस्टल की लड़कियों का एक समूह वार्डेन के पक्ष में खड़ा दिखा।
-ये लड़कियां कुलपति से वार्डेन का निलंबन वापस लेने की मांग कर रही थी।
-इस मांग को लेकर लड़कियों ने हॉस्टल के बाहर धरना देना और मीडिया के खिलाफ नारेबाजी देने का सिलसिला शुरू कर दिया।
-इस मामले में समाजवादी छात्रसंघ के अलावा यूनिवर्सिटी के अन्य नेता भी हस्तक्षेप कर रहे थे।
-इससे यूनिवर्सिटी में आयेदिन स्थिति हिंसक होने का भय भी हो गया था।
क्या कहना है एसएसपी राजेश पाण्डेय का
-किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी मात्रा में पुलिस और पीएसी तैनात की गयी हैं।