वीर सावरकर के चित्र पर गरमाई यूपी की सियासत, सभापति ने दिया जांच का आदेश
कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह ने मगलवार को ही वीर सावरकर का चित्र गैलरी से हटाने के लिए परिषद के सभापति रमेश यादव को पत्र लिखा था
लखनऊ: मंगलवार को विधानपरिषद की गैलरी में क्रांतिकारी वीर सावरकर के चित्र को लेकर विवाद बढने के बाद सभापति रमेश यादव ने जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव विधानपरिषद को इस बारे में कार्यवाही करने को कहा है।
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उल्लेखनीय है कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह ने मगलवार को ही वीर सावरकर का चित्र गैलरी से हटाने के लिए परिषद के सभापति रमेश यादव को पत्र लिखा था इसमें वीर सावरकर का चित्र गैलरी में लगाये जाने को आपत्तिजनक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अपमान बताया गया है।
जो वीर सावरकर देश की खातिर सलाखों के पीछे गए वहीं
कांग्रेस के इस कदम पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जो वीर सावरकर देश की खातिर सलाखों के पीछे गए वहीं। जबकि भाजपा एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने इसे कांग्रेस का सियासी नाटक बताते हुए कहा कि जिस समिति ने पिक्चर गैलरी में तस्वीरों को फाइनल किया। उसमे दीपक सिंह भी शामिल थे, लेकिन तब उन्होंने अपनी आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधान परिषद के गौरवमयी इतिहास को देखते हुए इसका फिर से सौंदर्यीकरण कराया है। इसमें विधानपरिषद के सभापितयों के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के भी चित्र लगाए गए हैं। इसी श्रृंखला में विधानपरिषद के मुख्य द्वार पर वीर सावरकर का चित्र लगाया गया है।
विधान परिषद में लोकार्पित चित्र वीथिका हम सबको प्रेरणा प्रदान करेगी
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि विधान परिषद में लोकार्पित चित्र वीथिका हम सबको प्रेरणा प्रदान करेगी। चित्र वीथिका में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर के चित्र को देखकर उन्होंने कहा कि स्व0 सावरकर जी का व्यक्तित्व प्रत्येक भारतवासी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। सावरकर जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ-साथ एक बहुत बड़े दार्शनिक, लेखक, कवि भी थे।
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कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने पत्र में लिखा कि देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूमने वाले महापुरूषों की तस्वीरों के बीच में सावरकर की भी तस्वीर लगा दी गई। MLC दीपक सिंह ने इसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान बताया है। उन्होने विधान परिषद के गेट से सावरकर की तस्वीर हटाए जाने की मांग करते हुए सभापति को बताया कि सावरकर ने खुद को बचाने के लिए अंग्रेजो से माफी तक मांगी थी। सावरकर भी जिन्ना की भाषा बोलते थे और उन्होने भी जिन्ना की तरह दो राष्ट्र की बात कही थी।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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