लखनऊ की बेटी ने बढ़ाया देश का मान, Forbes की '30 अंडर 30' लिस्ट में शामिल

लखनऊ की बिटिया पौलोमी पाविनी शुक्ला को विश्व विख्यात पत्रिका फोर्ब्स ने भारत की 30 अंडर 30 सूची में सम्मिलित कर सम्मानित किया है। फोर्ब्स पत्रिका प्रति वर्ष 30 ऐसे व्यक्तियों की सूची जारी करती है, जो 30 वर्ष की आयु से कम हैं और अपने क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण कार्य कर चुके हों।

Update: 2021-02-03 14:17 GMT
लखनऊ की बेटी ने बढ़ाया देश का मान, Forbes की '30 अंडर 30' लिस्ट में शामिल

लखनऊ। अनाथ बच्चों के अधिकार और सम्मानपूर्ण जीवन के लिए संघर्ष करने वाली लखनऊ की बेटी पौलोमी पाविनी शुक्ला को विश्व विख्यात पत्रिका फोर्ब्स की 30 अंडर 30 सूची में स्थान मिला है। उन्होंने अनाथ बच्चों की भारत में स्थिति को लेकर एक पुस्तक लिखी है। भारत के दो करोड़ अनाथ बच्चों को बेहतर जीवन सुविधाएं दिलाने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर रखी है।

पौलोमी पाविनी शुक्ला को पत्रिका फोर्ब्स ने किया सम्मानित

लखनऊ की बिटिया पौलोमी पाविनी शुक्ला को विश्व विख्यात पत्रिका फोर्ब्स ने भारत की 30 अंडर 30 सूची में सम्मिलित कर सम्मानित किया है। फोर्ब्स पत्रिका प्रति वर्ष 30 ऐसे व्यक्तियों की सूची जारी करती है, जो 30 वर्ष की आयु से कम हैं और अपने क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण कार्य कर चुके हों। पौलोमी पाविनी शुक्ला पेशे से अधिवक्ता हैं लेकिन अपने पति व भाई के साथ मिलकर अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करती रहती हैं।

अनाथ बच्चों की शिक्षा को दिया बढ़ावा

पिछले साल उन्होंने बाल गृहों में बच्चों की शिक्षा के लिए स्मार्ट टीवी मुहैया कराया था जिससे बच्चों को स्मार्ट क्लास की सुविधा मिल सके। कोविड महामारी के दौरान उनका यह योगदान बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है। अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखकर फोर्ब्स पत्रिका ने वर्ष 2021 की अपनी 30 अंडर 30 सूची में उन्हें सम्मिलित किया है।

पौलोमी एक सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता भी है

सामाजिक कार्य करने के साथ ही वह सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता भी हैं। उन्होंने भारत में अनाथ बच्चों की दुर्दशा पर वर्ष 2015 में "वीकेस्ट ऑन अर्थ- ऑरफेंस ऑफ इंडिया '' Weakest on earth-Orphans of Indiaपुस्तक अपने भाई अमंद के साथ मिलकर लिखी है। इस पुस्तक का प्रकाश दुनिया के विख्यात प्रकाशन संस्थान ब्लूम्सबेरी ने किया है। वर्ष 2018 में इन्होंने उच्चतम न्यायालय में अनाथ बच्चों के लिए जनहित याचिका भी दायर की।

ये भी पढ़ेंः बजट का सबसे बड़ा बवालः घाटे की कंपनियों को बेचने की पेशकश पर भड़क उठे लोग

अनाथ बच्चों की बेहतरी के लिए उठाए अनेक कदम

अपनी पुस्तक तथा जनहित याचिका के माध्यम से इनके द्वारा अनाथ बच्चों को शिक्षा तथा अन्य सुविधाओं में समान अवसर दिलवाने हेतु कई वर्षों से कार्य किया जा रहा है। इनके इस कार्य से कई राज्यों में अनाथ बच्चों की बेहतरी के लिए अनेक कदम उठाए गए, जिसके लिए पौलोमी पाविनी शुक्ला को कई राज्यों में सम्मानित भी किया जा चुका है।

ये भी पढ़ेंः Budget 2021: इनकम टैक्स पर राहत नहीं, लेकिन बजट में हुए ये बड़े ऐलान

रिपोर्ट : अखिलेश तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News