केजीएमयू में पूल टेस्टिंग का कार्य प्रारम्भ

23 मार्च को प्रदेश में टेस्टिंग की संख्या 72 थी, जो आज बढ़कर लगभग 3000 हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश के दृष्टिगत इस टेस्टिंग की क्षमता को तेजी के साथ बढ़ाना होगा।

Update:2020-04-18 13:05 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की लड़ाई में टेस्टिंग लैब्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा उचित समय पर लिए गए निर्णयों एवं उठाए गए कदमों से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिली है। लाॅकडाउन के माध्यम से भी इसे नियंत्रित करने में सफलता मिली है। इन सभी प्रयासों से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सकेगा।

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पूल टेस्टिंग का कार्य प्रारम्भ

उन्होंने कहा कि 23 मार्च को प्रदेश में टेस्टिंग की संख्या 72 थी, जो आज बढ़कर लगभग 3000 हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश के दृष्टिगत इस टेस्टिंग की क्षमता को तेजी के साथ बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि के0जी0एम0यू0 में पूल टेस्टिंग का कार्य प्रारम्भ हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए टेस्टिंग की चुनौती को स्वीकार करते हुए टेस्टिंग प्रक्रिया को तेज करना होगा। साथ ही, मेडिकल इंफेक्शन को भी रोकना होगा। इसके लिए सभी सावधानियां बरती जाएं।

उन्होंने कहा कि सभी 18 मण्डलों के 24 राजकीय मेडिकल काॅलेजों में एक-एक वायरोलाॅजी लैब स्थापित किए जाने की दिशा में कार्यवाही की जाए। इसके लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है।

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टेस्टिंग लैब स्थापित किए

उन्होंने कहा कि 14 संस्थानों में टेस्टिंग की जा रही है। जिन मण्डलों में राजकीय मेडिकल काॅलेज नहीं हैं, वहां पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाने के प्रयास किए जाएं।

उन्होंने कहा कि भविष्य के दृष्टिगत कोविड-19 तथा अन्य वायरस से लड़ाई में पूरी तैयारी के साथ जुटना होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण पर नियंत्रण के सन्दर्भ में लापरवाही को रोका जाना तथा जागरूकता को बढ़ाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले डेढ़ माह के अन्दर कोरोना के सम्बन्ध में सैम्पल की टेस्टिंग को कई गुना बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि व्यापक पैमाने पर उचित प्रशिक्षण और पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इनकी कोई कमी न हो। इसके लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है।

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प्रयासों के पक्ष में पूरा समाज खड़ा

आवश्यकतानुसार अतिरिक्त धनराशि भी दी जाएगी। इस संक्रमण से लड़ाई में माइक्रो प्लानिंग के साथ कार्य करना होगा। मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं को संचालित करते हुए यह देखा जाना उचित होगा, कि रोगी कोरोना पाॅजिटिव है या नहीं। बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और ऐसे रोगी जो पहले से किसी रोग से पीड़ित हैं, के साथ विशेष सावधानी बरती जाए।

उन्होंने कहा कि चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ इस संक्रमण के खिलाफ युद्ध में दिन-रात एक कर रहे हैं और उनके प्रयासों के पक्ष में पूरा समाज खड़ा है।

मुख्यमंत्री ने आईएमएस बीएचयू, जीएमआईसी ग्रेटर नोएडा, एसएनएमसी आगरा, आईवीआरआई बरेली, अलीगढ़ मेडिकल काॅलेज, एलएलआरएमसी मेरठ, आरएमआरसी गोरखपुर, एमएलबीएमसी झांसी, जीएसवीएम कानपुर, एमएलएनएमसी प्रयागराज आदि के संस्थानों सहित लखनऊ के एसजीपीजीआई, केजीएमयू, डाॅ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, कमाण्ड हाॅस्पिटल, इटावा के उप्र आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई से कोविड टेस्टिंग के सन्दर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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