रात भर जारी रहा पोस्टमॉर्टम, पीड़ितों की मदद को उमड़े अजनबी, छलकती रहीं आंखें

दुर्घटनास्थल पर राहत का काम जारी है। वहां से अब भी शवों को निकालने और पोस्ट मॉर्टम हाउस लाने का सिलसिला बना हुआ है। जिले भर के सीएचसी और पीएचसी के डाक्टरों की टीम दिन-रात काम कर रही है। रविवार रात में 45 शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया। अब तक 120 शवों के पोस्टमॉर्टम हो चुके हैं।

Update: 2016-11-21 10:09 GMT

कानपुर: ट्रेन हादसे के बाद से कानपुर देहात में दूसरे दिन भी लगातार शवों का पोस्टमॉर्टम जारी है। इसके लिए 2-2 के समूह में छह डॉक्टरों की टीम जुटी है। जैसे जैसे पोस्टमॉर्टम हो रहे हैं, उनके परिजन शव लेकर जा रहे हैं। रविवार सारी रात पोस्टमार्टम हॉउस के बाहर मृतकों के परिजनों का जमावड़ा लगा रहा। स्थानीय लोग जरूरी सुविधाएं देकर पीड़ितों की मदद करते दिखाई दे रहे हैं।

रात भर जुटे रहे डॉक्टर

-दुर्घटनास्थल पर राहत का काम जारी है। वहां से अब भी शवों को निकालने और पोस्ट मॉर्टम हाउस लाने का सिलसिला बना हुआ है।

-रविवार को ही प्रशासन ने शवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बर्फ की 100 सिल्लियां मंगा ली थीं।

-जिन शवों को शिनाख्त नही हो पा रही है, उन्हें सुरक्षित रखा जा रहा है।

-प्रशासन ने जिले भर के सीएचसी और पीएचसी के डाक्टरों की टीम लगाई है, जो दिन-रात काम कर रही है।

-रविवार रात में 45 शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया। अब तक 120 शवों के पोस्टमॉर्टम हो चुके हैं। इस काम में आधा दर्जन डॉक्टर लगे हैं।

स्थानीय लोग उमड़े

-कानपुर देहात व्यापार मंडल की तरफ से पोस्टमॉर्टम हाउस में आने वाले परिजनों, पुलिस कर्मियों और डॉक्टरों को लंच पैकेट, बिस्किट और पानी दिया जा रहा है।

-व्यापार मंडल के सदस्य राजू प्रजापति ने कहा कि उनका प्रयास है कि मृतकों के परिजनों और बाहर से आने वाले सभी लोगों तक हर जरूरी सुविधा पहुंच सके।

-स्थानीय युवकों की एक टीम स्वयं लोगों से उनकी परेशानियां जानने में जुटी है। हर तरफ लोग परेशान और बेहाल नजर आ रहे हैं।

-आसपास रहने वाले बबलू, कमल सिंह, पुत्तन यादव और अन्य युवक पानी, चाय और मोबाइल चार्जिंग की सुविधाएं देने में जुटे हैं।

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