Pratapgarh News: मेडिकल कॉलेज में पर्ची काटने को लेकर बवाल, दो पक्षों में जमकर चले लात-घुसा
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज के ओपीडी में जमकर बवाल और मारपीट हुई। इस दौरान तीमारदार अपने मरीजों को लेकर भागते रहे।
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज के ओपीडी में जमकर बवाल और मारपीट हुई। इस दौरान तीमारदार अपने मरीजों को लेकर भागते रहे। मेडिकल कालेज के चर्चित डॉ.सचिन व डॉ.लक्ष्मीकांत समेत दर्जनभर अज्ञात के खिलाफ वकीलों ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठे। जिलें का डॉ.सोनेलाल मेडिकल कालेज से सम्बद्ध प्रताप बहादुर हॉस्पिटल के पुरूष विंग के मुख्य भवन की ओपीडी में पक्षों में जमकर मारपीट गई। दोनो पक्ष एक दूसरे को लात घूंसा मारते हुए मारपीट कर रहे है। और चीख पुकार के साथ ही तीमारदार मरीजों को लेकर इधर उधर भाग रहे है।
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देखते ही देखते मारपीट शुरू
दरअसल घटना की शुरुआत पर्चा काउंटर से होती है और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। घटना के बाद परिसर में ही अधिवक्ता धरने पर बैठ गए। घटना स्थल पर पहुंचे कोतवाल और कुछ पुलिस कर्मियों से वकीलों की झड़प हो गई। इस मामले में नगर कोतवाली के शुक्लपुर निवासी शशिकांत शुक्ल की तहरीर पर डॉ. सचिन, डॉ. लक्ष्मीकांत व दर्जनभर अज्ञात के खिलाफ धारा 147, 323, 504 व 392 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। शशिकांत ने तहरीर में आरोप लगाया कि मेडिकल कालेज में पर्चा बनवाने पहुचा तो वहां पहले से दो पक्षों में विवाद हो रहा था। विवाद होने का कारण पूंछते हुए बीच बचाव करने का प्रयास करने लगा।
डॉ. सचिन ने अपने सहयोगियों व हॉस्टल के लड़कों को बुलाकर डॉ. लक्ष्मीकांत के साथ मिलकर मारपीट की एवं मेरे साथी अधिवक्ता नीरज मिश्र के गले मे पहनी हुई सोने की चैन छीनने लगे। प्रार्थी नीरज की चैन व उसको बचाने का प्रयास किया तो सभी लोगों ने दरवाजा बन्दकर प्रार्थी व नीरज से मारपीट कर गले से चैन छीन लिया। वहा मौजूद पंकज सरोज ने बीचबचाव किया तो उसके साथ भी मारपीट की गई। इस बाबत सीएमओ डॉ.गिरेन्द्र मोहन शुक्ल को घटना की जानकारी मिलते ही मेडिकल कालेज पहुंच गए और सीएमएस वाइस प्रिंसिपल व अन्य डॉक्टरों से घटना की जानकारी ली।
पर्चे को काटने को लेकर विवाद हुआ
सीएमओ ने कहा कि मामला बहुत छोटा था। पर्चे को काटने को लेकर विवाद हुआ था। अधिवक्ता और कर्मचारियों के बीच का मामला होने के कारण मामले को प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस डॉक्टर की इस मामले में भूमिका रही। इस घटना के बाद 15 से 20 मिनट ओपीडी बंद रही। मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी को लेकर सीमा ने बताया कि वह मारपीट के दौरान पुलिसकर्मी और अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे।