Pratapgarh News: आंवले की खेती है फायदे का सौदा, विशेषज्ञों ने दी जानकारी

Pratapgarh News: आंवले की खेती में आने वाली चुनौतियों और समाधान विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन तुलसी सदन (हादीहाल) में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ डॉ. पंकज त्रिपाठी के द्वारा किया गया।

Update:2023-09-05 23:54 IST
आंवले की खेती है फायदे का सौदा: Photo-Newstrack

Pratapgarh News: आंवले की खेती में आने वाली चुनौतियों और समाधान विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन तुलसी सदन (हादीहाल) में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ डॉ. पंकज त्रिपाठी के द्वारा किया गया।

आंवले की खेती के साथ इंटर क्रापिंग जरूरी

इस अवसर पर डॉ त्रिपाठी ने कहा कि आवंले का प्राकृतिक रूप से ऊसर भूमि सुधार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा, साथ ही जिप्सम के प्रयोग से भूमि में सुधार हुआ। उन्होंने एफपीओ से संबधित किसानों की समस्त प्रकार की समस्याओं का समाधान एफपीओ शक्ति पोर्टल से करने की सलाह दी गई। तत्पश्चात राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के निदेशक डॉ. अरूण चन्दन ने पर्यावरणीय आपदा से जूझ रहे कृषकों को राहत देने एवं प्राकृतिक खेती के विस्तार हेतु विस्तृत चर्चा की। साथ ही कृषकों को ई-चरक एप के विषय में जानकारी प्रदान की गई। डॉ पीके कनौजिया उप निदेशक रहमान खेड़ा ने आंवले की खेती के साथ-साथ इंटर क्रापिंग जैसे-तुलसी, अश्वगंधा, कालमेघ आदि की खेती करने पर जोर दिया।

बैंक देता है ओडीओपी के अंतर्गत लोन

जिला उद्यान अधिकारी सुनील शर्मा ने विभाग में संचालित योजनाओं के विषय में एंव विभाग द्वारा देय अनुदान के विषय में विस्तार से चर्चा की। नर्सरी में उपलब्ध आंवले की प्रजाति एन-7, एन-10 लगाने के सुझाव दिये, साथ ही अमरूद, पान, मशरूम की खेती एवं मधुमक्खी पालन का सुझाव दिया। जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक गोपाल शेखर झा द्वारा फसल बीमा, केसीसी एवं आंवला की खेती हेतु एक जिला एक उत्पाद के अन्तर्गत बैंक द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे ऋण के विषय में जानकारी दी गई।

प्रदर्शनी में बताए गए खेती के आधुनिक तरीके

कार्यशाला में जिलाधिकारी ने पारंपरिक खेती के साथ व्यवसायिक खेती, कम भूमि पर अधिक उत्पादन कर अधिक लाभार्जन पर प्रकाश डाला गया। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया भी उपस्थित रहीं। ऑंवला उत्पादन से जुड़े अच्छे कृषकों, उद्यमियों, मण्डी के व्यवसायियों, ऑंवला प्रसंस्करण से जुड़े व्यवसायियों एंव न्यू स्टार्ट अप के प्रतिनिधियों द्वारा कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में आंवला से संबधित प्रदर्शनी व स्टाल लगाकर प्रतिभाग करने वाले कृषकों को आंवला उत्पादन में आने वाली चुनौतियों के समाधान हेतु विस्तृत जानकारी प्रदान की गई तथा कार्यशाला से संबधित समस्याओं के समाधान हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया।

उप कृषि निदेशक विनोद कुमार यादव द्वारा एक जिला एक उत्पाद में जिले की कृषि उत्पाद ऑंवला को वैश्विक पहचान मिल गई है, भारत सरकार के बौद्धिक संपदा अधिकार प्राधिकरण ने प्रतापगढ़ के आंवला को जीआई टैग प्रदान कर दिया है। आंवला उत्पादक कृषकों वीरेन्द्र प्रताप सिंह, उत्कृष्ट पाण्डेय गंगा सागर, हवलदार सिंह, शिव बहादुर सिंह अंजनी कुमार सिंह द्वारा अपना-अपना सुझाव एवं समस्याओं के विषय में अवगत कराया गया, जिसमें प्रमुख समस्या मंडी विपणन एंव उचित मूल्य न मिलने से है। इस मौके पर प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन एसके सिंह सलाहकार द्वारा किया गया, इस मौके पर कृषि विभाग के समस्त अधिकारी एंव कर्मचारी मौजूद रहे।

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