Magh Mela 2023: क्षेत्र में संतों का आगमन शुरू, अलग अलग राज्यों से आ रहे हैं साधु संत
Magh Mela 2023: सभी साधु संत देश के अलग-अलग कोने से आते हैं और मेले के सभी स्नान पर्व पर हिस्सा लेते हैं।;
Magh Mela 2023 (photo: social media )
Magh Mela 2023: देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले के लिए साधु संतों का मेला क्षेत्र में आना शुरू हो गया है। आपको बता दें 6 जनवरी से संगम तट पर 43 दिनों तक दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला का आयोजन हो रहा है। जिसमें हजारों की संख्या में साधु संत मेला क्षेत्र आते हैं। इसी कड़ी में मेला शुरू होने के 20 दिन पहले से ही साधु संत मेला क्षेत्र पहुंच रहे हैं और माघ मेले की तैयारियों में जुट गए हैं। यह सभी साधु संत देश के अलग-अलग कोने से आते हैं और मेले के सभी स्नान पर्व पर हिस्सा लेते हैं। साधु संत प्रशासन द्वारा दी गई जमीनों पर अपनी पूजा साधना और कल्पवासियों के लिए अच्छी सुविधा देने के लिए अभी से ही व्यवस्था करने में जुट गए हैं ।
साधु संतों कहना है कि योगी सरकार ने 2023 के माघ मेले को कुंभ का रिहर्सल बताया है और इसी को देखते हुए वह समय से पहले आ गए हैं। प्रशासन द्वारा आवंटित की गई जमीनों की नाप जुताई में जुटे हुए हैं और अब वह माघ मेला संपन्न हो जाने के बाद ही अपने जिले में लौटेंगे। सरकार द्वारा दिए जा रही व्यवस्थाओं से साधु संत खुश दिखे उनका कहना है कि अबकी बार का माघ मेला दिव्य और भव्य भी होगा।
Magh Mela 2023 (photo: social media )
दोनों नदियों में आई बाढ़ से तैयारियों में थोड़ी कमी
समय से पहले आए साधु-संतों का कहना है कि इस बार दोनों नदियों में आई बाढ़ की वजह से मेला कार्य की तैयारियों में थोड़ी कमी रह गई है और इसी को ध्यान में रखते हुए वह पहले से ही संगम तट पर आ गए हैं। अयोध्या से महंत दामोदर दास महाराज, गोपाल दास महाराज, महंत राम गोपाल दास समेत अन्य जिलों से भी साधु संत पहुंच रहे हैं।
43 दिनों तक पूरे संगम क्षेत्र में धार्मिक गीतों की गूंज रहती है और भारी संख्या में देश दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम तट पर आते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं। हालांकि प्रशासन का दावा है कि 1 जनवरी से पहले सभी निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। लेकिन इस साल दोबारा आई बाढ़ की वजह से कार्य की गति में तेजी नहीं देखी जा रही है।
संगम क्षेत्र में साधु संतों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है कोई महाराष्ट्र से तो कोई मध्य प्रदेश से तो कोई राजस्थान से साधु संत आए हुए हैं और माघ मेले की तैयारियों में जुट गए हैं। पूरे माघ मेले में 6 स्नान पर्व के मौके पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे।