Prayagraj Murders: खौफ में प्रयागराज का गंगापार इलाका, बीते 5 सालों में हुई कई नृशंस हत्याएं

Prayagraj Hatyakand: प्रयागराज में 5 साल पहले 24 अप्रैल 2017 को नवाबगंज के जुड़ापुर गांव से सामूहिक हत्या कांड का सिलसिला शुरू हुआ जो अभी तक जारी है।

Report :  Syed Raza
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-04-26 04:21 GMT

 प्रयागराज का गंगापार इलाके में जारी हत्याओं का सिलसिला (फोटो-सोशल मीडिया)

Prayagraj Murders List: संगम शहर प्रयागराज में बीते 5 सालों में सामूहिक हत्याओं के मामलों में ग्राफ़ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। 5 साल पहले 24 अप्रैल 2017 को नवाबगंज के जुड़ापुर गांव से सामूहिक हत्या कांड का सिलसिला शुरू हुआ जो अभी तक जारी है। इस सामूहिक हत्याकांड में एक व्यापारी उसकी पत्नी दो बेटियों की नृशंस हत्या कर दी गई थी ।हालांकि इस घटना में बेटियों से रेप की आशंका भी जताई गई थी।

इसी महीने की 16 अप्रैल को नवाबगंज क्षेत्र के भागलपुर गांव में एक ही परिवार के 5 लोगों का शव मिला था जिसमें 4 लोगों की हत्या हुई थी जबकि एक सदस्य की मौत फांसी लगाने से बताई गई। उसी के 7 दिन के बाद 23 अप्रैल को एक बार फिर संगम शहर प्रयागराज दहल उठा और थरवई थाना क्षेत्र में अपराधियों ने एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी।

थरवई क्षेत्र में हुई हत्या में सभी लोगों की मौत डंडे और ईट पत्थर से पीट करके की गई थी। इस हत्याकांड में अपराधियों ने 2 साल की मासूम तक को भी नहीं छोड़ा था। हालांकि पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस प्रकरण का खुलासा होगा लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं।

आपको बता दे बीते 5 सालों में 8 सामूहिक हत्याएं ऐसी थी जिसमें परिवार के सभी सदस्यों को लोहे की रॉड से या फिर ईट पत्थर से कूचकर हत्या को अंजाम दिया गया।

जानिए बीते 5 सालों में कब कब हुए सामूहिक हत्याकांड
Mass Murders Happen in 5 years

फोटो-सोशल मीडिया

24 अप्रैल 2017 को नवाबगंज के जूड़ापुर गांव में व्यापारी, उसकी पत्नी, दो बेटियों की नृशंस हत्या कर दी गई. बेटियों से रेप की आशंका जताई गई थी.

19 मार्च 2018 में नवाबगंज के पसियापुर गांव में महिला और उसके दो बेटे की हत्या की घटना सामने आई थी.

7 सितंबर 2018 के बिगहियां गांव में महिला, उसकी बेटी, दामाद सहित नाती की हत्या कर दी गई थी. इस हमले में केवल एक मासूम बच्ची जिंदा बच गई थी.

5 जनवरी 2020 को सोरांव के यूसुफपुर गांव में एक ही परिवार के 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था.

गंगापार इलाके के होलागढ़ शुकुलपुर मजरा में 2 जुलाई 2020 को एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या की वारदात सामने आई थी.

जुलाई 2020- सोरांव के चांदपुर मनी का पूरा में पति-पत्नी की हत्या

सितंबर 2021- नवाबगंज के जगदीशपुर माली गांव में मां-बेटी की हत्या

25 अक्टूबर 2021 को गोहरी गांव में दलित परिवार के 4 लोगों की सामूहिक हत्या कर दी गई. आरोप था कि परिवार की एक लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था.

16 अप्रैल 2022 को नवाबगंज के खागलपुर में एक परिवार के 5 लोगों की सामूहिक हत्या की घटना सामने आई. इसमें 4 लोगों की धारदार हथियार से हत्या की गई थी, जबकि एक व्यक्ति फांसी पर लटका मिला था.

23 अप्रैल 2022 को थरवई थाने इलाके के खेवराजपुर गांव में एक ही परिवार के 5 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई.

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बीते 5 सालों में पुलिस ने कुछ सामूहिक हत्याओं के खुलासा किया है लेकिन अब उन खुलासों पर सवालिया निशान भी खड़े होने लगे हैं । पिछले साल अक्टूबर में गोहरी हत्याकांड के 10 दिन पहले ही पुलिस ने घुमंतू गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए पांच जघन्य सामूहिक हत्याकांडों का खुलासा किया था।

इनमें सोरांव के यूसुफपुर में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के साथ ही मांडा, नवाबगंज दोहरा हत्याकांड भी शामिल था। पुलिस का दावा था कि पकड़े गए छेमार गैंग ने ही इन सभी हत्याकांडों को अंजाम दिया।

इससे पहले 2020 में भी छेमार गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने होलागढ़ में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के खुलासे का दावा किया था। बड़ा सवाल यह है कि अगर खुलासे सही थे तो फिर वारदातों का सिलसिला क्यों नहीं थमा। इन सभी सामूहिक हत्याकांड में एक बात और गौर करने की है ।

अधिकतर जिन परिवार वालो की हत्या हुई है वो सब बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं साथ ही कई महिलाओं के साथ रेप की घटना भी सामने आई है। हालांकि यह कहना गलत नहीं होगा की प्रयागराज के गंगापार क्षेत्र में सामूहिक हत्याकांड सबसे अधिक हुआ है। पुलिस प्रशासन की कानून व्यवस्था कितनी सख्त है वो आपराधिक घटनाओं वाला ग्राफ सबकुछ बयान कर रहा है।

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