Prayagraj News: बेमौसम बरसात का कहर, माघ मेला लगने वाली जगह पर भरा पानी
Prayagraj News: बेमौसम बरसात होने के कारण प्रयागराज में भी पानी का कहर देखने को मिल रहा है। जिस स्थान पर माघ मेला लगता है वहां पर पानी भरा हुआ है।
Prayagraj News: कुछ दिन पहले उत्तराखंड में हुई बारिश का असर उत्तर प्रदेश में भी नजर आ रहा है। आलम यह है कि प्रदेश के कई जिले बाढ़ के चपेट में हैं। गंगा सहित कई नदियां बढ़ने से प्रदेश में कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिसका असर प्रयागराज की नदियों में भी देखा जा रहा है। एकाएक पानी बढ़ने से प्रयागराज संगम क्षेत्र में लगने वाले क्षेत्रों को बाढ़ के पानी ने अपने आगोश में ले लिया है। जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण संगम क्षेत्र के तीर्थ पुरोहित, नाविक और श्रद्धालु काफी परेशान हैं। बीते 5 दिन से लगातार पानी बढ़ रहा है, जिसके चलते तीर्थ पुरोहितों को हर दिन अपना सामान समेटना पड़ रहा है। अचानक आई बाढ़ की वजह से जनवरी में शुरू होने वाले माघ मेले की तैयारियों पर भी ब्रेक लग गया है।
प्रयागराज के संगम क्षेत्र में पिछले कई सालों के बाद अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में भी बाढ़ जैसे हालात हैं। इस समय संगम क्षेत्र में जहां पर बाढ़ का पानी भरा हुआ है, उस जगह पर हर साल माघ मेला लगता है। जिसकी तैयारियां अक्टूबर से ही शुरू हो जाती हैं और माघ मेला क्षेत्र की जमीन समतल करने के साथ कई सेक्टर में बांटकर माघ मेला की तैयारियां शुरू हो जाती हैं, लेकिन अक्टूबर के आखिरी महीने में मेला क्षेत्र के खाली पड़े मैदानों पर बाढ़ के पानी का कब्जा है, जिसको हटने में तकरीबन कई दिन लग सकते हैं। इस वजह से मेला प्रशासन को इस बाढ़ की वजह से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पहाड़ी इलाकों में हुई जोरदार बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड के कई जिलों में भयावह तस्वीर भी देखने को मिली थी। अब वही पानी प्रयागराज पहुंच रहा है। वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि, ऐसा पहली बार होगा जब अक्टूबर के तीसरे महीने में इतना पानी देखने को मिल रहा है। खैर बेमौसम बरसात ने जहां तमाम जगहों पर अपना कहर बरपाया है तो वहीं किसानों को हर तरफ से परेशानियें ने घेर लिया है, कहीं फसल बर्बाद तो कहीं तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग हलकान है। यहां तो कई लोग मौत के मुहाने बैठे हैं कई लोगों के घर गंगा के कटान में बह चुके हैं और अब इस बेमौसम बरसात ने प्रयागराज के माघ मेले पर भी ग्रहण लगाना शुरू कर दिया है अब देखना ये होगा कि, इस कुदरती कहर से प्रशासन कब तक और किस हद तक निपटने के लिए तैयारी करता है।