Aligarh news: एडीए के रिहायशी फ्लैटों में संचालित है प्राइवेट हॉस्पिटल, विभाग मूकदर्शक

Aligarh news: एडीए के रिहायशी फ्लैटों में प्राइवेट हॉस्पिटल संचालित हो रहे हैं। जो कि एडीए के मानकों के अनुसार नहीं है। एक मामले में शिकायतकर्ता ने आईजीआरएस के द्वारा विभाग को अवगत कराया कि एडीए के रिहायशी फ्लैटों में प्राइवेट कमर्शियल हॉस्पिटल संचालित है। जब इस हॉस्पिटल इस जानकारी के संदर्भ में शिकायतकर्ता से बात की गई तो उसने बताया कि आइजीआरएस के द्वारा विभाग को सूचित कराया गया था कि एडीए के रिहायशी फ्लैटों में हॉस्पिटल संचालित है।

Update:2023-04-04 02:08 IST
Private hospital is operated in residential flats of ADA

Aligarh news: अक्सर प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक जिले के कोने-कोने में नियमों की अनदेखी करते हुए मिल जाते हैं। बात जमीनी हकीकत की करें तो कई हॉस्पिटलों का नक्शा भी एडीए के मानकों पर खरा नहीं उतरेगा। जिले में बहुत से इलाकों में एडीए के रिहायशी फ्लैटों में व्यापार किया जा रहा है। जिस तरफ विभाग का बिल्कुल भी ध्यान नहीं जाता। यदि विभाग में किसी के द्वारा शिकायत भी की जाती है तो उसका गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया जाता। जिसकी वजह से शहर में नियमों के विपरीत तमाम गतिविधियां संचालित होती दिख जाती हैं।

मुख्यमंत्री पोर्टल पर हुई शिकायत

जिले में एडीए के रिहायशी फ्लैटों में प्राइवेट हॉस्पिटल संचालित हो रहे हैं। जो कि एडीए के मानकों के अनुसार नहीं है। एक मामले में शिकायतकर्ता ने आईजीआरएस के द्वारा विभाग को अवगत कराया कि एडीए के रिहायशी फ्लैटों में प्राइवेट कमर्शियल हॉस्पिटल संचालित है। जब इस हॉस्पिटल इस जानकारी के संदर्भ में शिकायतकर्ता से बात की गई तो उसने बताया कि आइजीआरएस के द्वारा विभाग को सूचित कराया गया था कि एडीए के रिहायशी फ्लैटों में हॉस्पिटल संचालित है। एडीए से हॉस्पिटल को नोटिस भेजकर जवाब मांगने की बात सामने आई है। जब इस पूरे मामले की जानकारी एडीए सचिव अंजुम बी से ली गई तो उन्होंने बताया कि एडीए की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी एडीए के रिहायशी फ्लैटों को कमर्शियल तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। रीसेल होने के बाद भी खरीदने वाला भी कॉमर्शियल तरीके से रिहायशी जगहों को इस्तेमाल नहीं कर सकता।

एडीए कर रहा कार्रवाई की बात

एडीए सचिव अंजुम बी ने बताया कि आईजीआरएस के माध्यम से जो मामला कॉमर्शियल हॉस्पिटल का संज्ञान में आया है, उसके खिलाफ विभाग के द्वारा संज्ञान लेकर जल्द कार्रवाई की जाएगी। आईजीआरएस की शिकायत के माध्यम से जब हॉस्पिटल संचालक से जानकारी ली गई तो संचालक ने हॉस्पिटल एडीए के रिहायशी फ्लैटों में संचालित होना बताया। हॉस्पिटल संचालक का कहना था कि हॉस्पिटल चलाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अनुमति ली जाती है। इसमें एडीए का कोई रोल नहीं है। हॉस्पिटल संचालक ने बताया कि एडीए के द्वारा 500 नोटिस जिले में जारी किए हैं। यदि एडीए उन पर कार्रवाई करेगा तो हमारे ऊपर भी होगी, एडीए से हमारे पास भी नोटिस आया था। हमने उसका जवाब एडीए को दे दिया है, वह उससे संतुष्ट है।

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