Lucknow: प्रो नरेंद्र बहादुर सिंह बनाए गए ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय के कुलपति

Lucknow: प्रो नरेंद्र बहादुर सिंह (Prof. Narendra Bahadur Singh) को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ का नया कुलपति नियुक्त किया गया है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-04-27 23:10 IST

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय: Photo - Social Media

Lucknow: प्रो नरेंद्र बहादुर सिंह (Prof. Narendra Bahadur Singh) को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (Khwaja Moinuddin Chishti Language University), लखनऊ का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी कर दी है। प्रोफेसर सिंह इससे पहले इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लखनऊ के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में पदस्थापित थे।

इससे पहले भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के कुलपित प्रोफेसर आलोक राय के पास था। दरअसल अनिल कुमार शुक्ला के राजस्थान में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त होने के बाद से भाषा विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर का पद खाली पड़ा था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आगरा विश्वविद्यालय में भी वाइस चांसलर की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।


एक कुलपति के पास दो –दो विश्वविद्यालयों का प्रभार

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने एक कुलपति के पास दो –दो विश्वविद्यालयों का प्रभार होने पर आपत्ति जताई थी। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों हुई कुछ विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय और आगरा स्थित डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर की नियुक्ति शीघ्र कराने को कहा था। आगरा विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपित प्रोफेसर विनय पाठक के पास है।

प्रोफेसर विनय पाठक (Prof Narendra Bahadur Singh)

प्रोफेसर विनय पाठक के पास इससे पहले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ का भी अतिरिक्त प्रभार था। लेकिन बाद में उनसे ये जिम्मेदारी लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपित प्रोफेसर आलोक राय को दे दी गई थी। प्रोफेसर कंप्यूटर विज्ञान के छात्र रहे हैं। उनके पास 26 सालों का अध्यापन का अनुभव है। वे अब तक 5 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपति का प्रभार संभाल चुके हैं।

Tags:    

Similar News