Gorakhpur News: गोरखपुर में CM योगी आदित्यनाथ, दलित के साथ जमीन पर बैठकर खाई खिचड़ी

Gorakhpur News : सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अनुसूचित जाति के अमृतलाल भारती के आवास में सहभोज में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने बिना किसी औपचारिकता के जमीन पर बैठकर भोजन किया।

Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-01-14 10:58 GMT

गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ, दलित के साथ जमीन पर बैठकर खाई खिचड़ी

Gorakhpur News : पिछड़ा वर्ग और दलित वोटों को लेकर विपक्ष के प्रयासों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डैमेज कंट्रोल की कोशिशें तेज कर दी हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर ने आज झुंगिया गेट (फर्टिलाइजर रोड) स्थित दलित समाज के अमृतलाल भारती के घर सहभोज में शामिल हुए। भोज में शामिल होकर उन्होंने जाति के नाम पर जारी राजनीति के इस दौर में सामाजिक समरसता का बड़ा संदेश दिया।

सीएम योगी ने अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की उस परंपरा को और समृद्ध किया, जिसे उन्होंने जातीय भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ाया था।

 गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी

जानकारी के मुताबिक, आदित्यनाथ शुक्रवार दोपहर झुंगिया गेट के पास रहने वाले अनुसूचित जाति के अमृतलाल भारती के आवास पहुंचे। भारती के यहां आयोजित सहभोज में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री ने बिना किसी औपचारिकता के जमीन पर बैठकर भोजन किया। पत्तल में परोसी गई खिचड़ी और कुल्हड़ में पानी।

दृश्य देख लग ही नहीं रह था कि यहां कोई मुख्यमंत्री बड़ी ही सहजता से भोजन करने बैठे हैं। सीएम योगी के साथ ही अमृतलाल भारती और भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने भी भोजन किया। इस अवसर पर योगी ने भारती व उनके परिजनों से बड़ी ही आत्मीयता के साथ बातचीत के और सहभोज पर आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया।


सहभोज का ऐतिहासिक आयोजन कराकर एक समाज का संदेश दिया

 उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ उस विश्व प्रसिद्ध गोरक्षपीठ से हैं, जिसके मूल में ही लोक कल्याण और जातीय विभेद को समाप्त कर सामाजिक समरसता व एकजुटता को बढ़ावा देना शामिल है। सामाजिक समरसता को लेकर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ भी निरंतर अभियानरत रहे। ब्रह्मलीन महंतद्वय साधु संतों के साथ समाज के उस व्यक्ति के घर सहभोज आयोजित कराते थे, जिसे सामाजिक कुरीतियों के चलते अछूत माना जाता था। ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने तो काशी के डोम राजा के घर सहभोज का ऐतिहासिक आयोजन कराकर यह संदेश दिया था कि समाज में सभी जातियों के लोग एक समान हैं। कोई छोटा-बड़ा नहीं है।

 अपने गुरुजनों की इसी परंपरा को योगी आदित्यनाथ ने अहर्निश आगे बढ़ाया है। सांसद के रूप से ही दलितों और अति पिछड़ी जातियों के घर सहभोज में शामिल होकर सामाजिक समरसता का बड़ा संदेश देना उनकी जीवनचर्या का हिस्सा रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद की व्यस्तताओं में भी उनका यह अभियान कभी ठहरा नहीं।

'पीएम मोदी के मंत्र से पूरा हो रहा बाबा साहब का सपना'

दलित के घर सहभोज में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि सहभोज सामाजिक समता की स्थापना का एक बड़ा और महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने सहभोज पर आमंत्रित कर खिचड़ी खिलाने के लिए अमृतलाल भारती व उनके परिजनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सामाजिक एकता के मिशन को लेकर सदैव आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि विकास, सुशासन व राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने "सबका साथ-सबका विकास" का जो मंत्र दिया, उसे अंगीकार कर बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के सामाजिक समता के सपने को भी पूरा किया जा रहा है।

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