गोरखपुर: कूड़ा गिराने के लिए किसानों से जबरिया खरीद रहे थे जमीन, HC ने डीएम से मांगा जबाव

गोरखपुर की सहजनवां तहसील के ग्राम सुथनी के किसानों को जमीन नगर निगम को बेचने के लिए दबाव बनाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।

Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-09-16 12:32 IST

इलाहाबाद उच्च न्यायालय। (Social Media)

गोरखपुर। गोरखपुर के सहजनवा तहसील के सुथनी में कूड़ा निस्तारण को लेकर प्रस्तावित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (एसवीएम) को लेकर एक बार फिर पेच फंस गया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने किसानों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी गोरखपुर को आगामी 23 सितंबर को हलफनामा के साथ पेश होने के कहा है। कोर्ट ने डीएम से जवाब मांगा है कि जब किसान जमीन बेचने को तैयार नहीं हैं तो उनसे जबरन जमीन कैसे खरीदी जा सकती है.

नगर निगम सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सुथनी में करीब 11 हेक्टेयर जमीन किसानों से खरीद रहा है। इसमें से करीब आठ हेक्टेयर जमीन खरीद भी ली गई है। लेकिन ज्यादेतर किसानों ने नगर निगम को जमीन बेचने से इंकार कर दिया है। किसानों मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी। याचिका दाखिल करने वाले किसान राम जतन व 83 अन्य कहना है कि नगर निगम बिना नोटिस और अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरी किये ही जमीन खरीद रहा है। इसके साथ ही निगम उस जमीन को खरीद रहा है जो बाढ़ से प्रभावित रहता है। जबकि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट जलभराव और बाढ़ से मुक्त होना चाहिए। किसानों का कहना है कि जमीन उपजाऊ होने के कारण याची बेचना नहीं चाहते। लेकिन पुलिस उन्हें जमीन सरेंडर करने के लिए दबाव डाल रही है।

प्लांट में 108 किसानों की जमीन ली जानी है, इनमें से 83 ने कोर्ट की शरण ली है। दाखिल याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट के जज दीपक वर्मा और मनोज कुमार गुप्ता ने जिलाधिकारी को पूरे विवरण के साथ 23 सितम्बर को हलफनामा प्रस्तुत होने का आदेश दिया है। नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि आदेश की प्रति नहीं मिली है। माननीय कोर्ट का जो भी आदेश है, उसका अनुपालन करते हुए जवाब प्रस्तुत किया जाएगा।

बता दें कि जिस प्लांट को लेकर कोर्ट ने डीएम से जवाब तलब किया है उसी का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराने की तैयारी थी। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का 31 करोड 57 लाख रुपये से विकसित होना है। इसके लिए बजट भी जारी हो चुका है। गोरखपुर शहर में रोज 600 मिट्रिक टन कूड़ा निकलता है, लेकिन इसके निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। फिलहाल महेवा बंधे पर कूड़ा गिराया जा रहा है, जिसे लेकर ग्रामीणों की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। नगर निगम ने नागरिकों से नवम्बर तक की मोहलत मांगी है।

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