Russia Ukraine War: यूक्रेन के हॉस्टल में अंडरग्राउंड हैं गोरखपुर के छात्र, सिर्फ तीन दिन का राशन बचा

Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन में युद्ध शुरू हो जाने के बाद वहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे गोरखपुर (Gorakhpur Students stuck in Ukraine) के तीन छात्र फंस गए।

Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-02-25 10:07 GMT

युक्रेन में फंसे गोरखपुर के छात्रों के परिजन

Russia Ukraine War : यूक्रेन में युद्ध (Russia Ukraine Crisis) छिड़ने के बाद एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले तीन छात्रों के वतन वापसी की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। इन्हें 26 फरवरी को यूक्रेन से फ्लाइट (Ukraine Flight) पकड़नी थी। फंसे छात्रों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। छात्र गोलाबारी से बचने के लिए हॉस्टल में बने मिनी बंकर में अंडरग्राउंड हैं। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में सिर्फ तीन दिन का राशन बचा है। इसके बाद हालात और बिगड़ जाएंगे। 

गोरखपुर के तीन छात्र यूक्रेन में फंसे

यूक्रेन में युद्ध शुरू हो जाने के बाद वहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे गोरखपुर (Gorakhpur Students stuck in Ukraine) के तीन छात्र उड़ान रद्द हो जाने से शुक्रवार को अपने देश नहीं आ पाएंगे। तीनों के परिजनों ने 80-80 हजार रुपये खर्च कर फ्लाइट में टिकट बुक कराया था। अचानक यूक्रेन पर हमला (Russia Attack Ukraine) हो जाने से वहां अफरा-तफरी मचने के साथ ही माहौल पूरी तरह से बदल गया है। यूक्रेन के यूनिवर्सिटी (Ukraine University) में एमबीबीएस करने वाले बिछिया निवासी मनु श्रीवास्तव का कहना है कि 'भारतीय दूतावास के अधिकारी संपर्क में है। हमें बंकर में शिफ्ट कर दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध में बने बंकर में हम शिफ्ट हो गए हैं। पोलैंड और हंगरी के रास्ते हम लोगों को निकालने का आश्वासन मिला है।' पिता अतुल श्रीवास्तव का कहना है कि 'बेटे ने बताया कि बम गिरने से ऐसा लगा कि भूकंप आ गया है। हर तरफ बगबारी से बुरी स्थिति है। मौत का नंगा नाच हो रहा है। बच्चे खौफ में हैं।' 

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पापा! मत रो हम लौट आएंगे

गोरखपुर की रजही निवासी शिवांगी जेप्रोजिया स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी यूक्रेन में पढ़ती हैं। उनका कहना है कि यूक्रेन में जहां हम रह रहे हैं वहां से करीब 80 किलोमीटर दूरी पर बममारी हुई है। हमलोगों ने धमाके की आवाज सुनी है। चारो तरफ डर का माहौल है। जहां हम रह रहे हैं वहां भी कर्फ्यू जैसा माहौल बन गया है। केवल सुपर मार्केट ही खुला है। हवाईअड्डे के पास हुए विस्फोटों के कारण यूक्रेन से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। खाद्य आपूर्ति उपलब्ध है लेकिन हमारा स्टॉक खत्म हो रहा है। हमें बाहर जाने की अनुमति है लेकिन हम नहीं जाना पसंद करते हैं। वहीं छात्र परशुराम मौर्या ने परिवार के लोगों को बताया कि फ्लाइट रद हो गई है। बममारी के बाद से पूरे यूक्रेन का माहौल बदल गया। फिलहाल हमलोग सुरक्षित हैं और हॉस्टल में रह रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमे यहां से जल्द से जल्द निकाल लिया जाएगा। वहीं शाहपुर के रहने वाले अशद अहमद का कहना है कि बम की आवाज हमलोगों ने भी सुनी है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। 

80 हजार रुपये में बुक हुआ था टिकट

जेप्रोजिया स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी यूक्रेन से एमबीबीएस कर रही रजही की शिवांगी की मां का बुरा हाल है। शिवांगी के पिता का कहना है वहां की स्थिति देख हम सभी भी पूरी तरह से खौफ में है। बीच में कुछ राहत की खबर मिली थी और बड़ी मुश्किल से 80 हजार रुपये में शुक्रवार का टिकट कराया था। पर अचानक हमले से सब बदल गया। बेटी पूरी तरह से दहशत में है। 

'बेटे से वीडियो कॉल के जरिए बात हुई है'

शिवांगी के ही मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे परशुराम के पिता लल्लन मौर्या और उसकी मां का भी रो-रो कर बुरा हाल है। पिता का कहना है कि बड़ी मुश्किल से बेटे से वीडियो कॉल के जरिए बात हुई है। ठीक से बात भी नहीं हुई। बस इतना ही सुन सका कि वह ठीक है और अपने कमरे में है। सड़क पर सन्नाटा होने से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यूक्रेन के खार्किंव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी खार्किंव मे एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे सैनिक कुंज गोरखपुर मूल रूप से देवरिया के रहने वाले अशद भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। अशद के पिता इरशाद अहमद बताते हैं कि बेटे अशद से वीडियो कॉल के जरिए बात हुई है। वह सुरक्षित है और हॉस्टल में रह रहा है। सड़कों पर संनाटा पसरा हुआ है। 

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