Mau News: परशुराम सेना के राष्ट्रीय महासचिव ने अखिलेश यादव को दी चुनौती, पूछे ये सवाल

परशुराम सेना ने एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय महासचिव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से पूछा कि क्या चुनाव जीतने के बाद..

Report :  PREETI SINGH
Published By :  Deepak Raj
Update: 2021-08-14 12:04 GMT

परशुराम सम्मेलन के दौरान भाषण देते नेता

Mau News:  उत्तर प्रदेश में इस समय चुनाव से पहले सभी दल के लोग जाति को लेकर गुणा-भाग करने में जुटे हुए हैं। एक ओर जहां बसपा सुप्रीमों मायावती सतीश चंद्र मिश्र को ब्राह्मण को अपनी ओर करने के लिए छोड़ रखा है तो वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी ब्राह्मण सम्मेलन कर ब्राह्मणों को अपनी ओर खींचने के जुगत में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा जिसका पिछले चुनाव में एकाधिकार चला था उसकों छिटकने से बचाने के लिए प्रयासरत है। मंदिर आंदोलन के समय से हीं ब्रह्मण कमोबेश भाजपा को हीं समर्थन करते आ रहे हैं, कुछ आपवाद को छोड़ दिया जाए तो। 

कार्यक्रम का पोस्टर

उत्तर-प्रदेश के मऊ जिले में परशुराम जयंत्री पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें परशुराम सेना के राष्ट्रीय महासचिव पंडित अजित कुमार पांडेय का आगमन हुआ, जिनका स्वागत कार्यकर्ताओ ने फूल माला पहनाकर किया। इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय महासचिव ने ब्राम्हणो के पक्ष में बात करते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर ब्राह्मणों के हित मे ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं, तो किसी ब्राह्मण को उपमुख्यमंत्री बनाये तो हम मान जाएंगे कि वह ब्राह्मणों की हित मे काम कर रहे है।

दरअसल आपको बताते चले कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए ब्राह्मण सम्मलेन कर रही है। इसी को देखते हुए परशुराम जयंत्री पर परशुराम सेना ब्राह्मण स्वंय सेवक संघ द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ब्राहम्ण 2022 विधानसभा चुनाव में किस तरह जाएंगे इस पर चर्चा की गई।


कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते ब्रह्मण नेता 


जिसमे राष्ट्रीय महासचिव ने सभी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि कोई भी पार्टी ब्राम्हणों के हित मे काम नही कर रही है बल्कि वोट बैंक के लिए ध्यान दिया जा रहा है । ब्राह्मण किसी का गुलाम नही है जो ब्राह्मण के हित मे बात करेगा उसी की तरफ ब्राह्मण समाज जाएगा । समाजवादी पार्टी के जो मुखिया है उनको मेरा चैलेंज है की अगर वह ब्राम्हणो के हित मे बात कर रहे है तो वह किसी ब्राम्हण को उपमुख्यमंत्री बनाये तब मानेंगे कि वह ब्राम्हणो की बात कर रहे है । 

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