Prayagraj News: माघ मेले में नजर आईं भयावह तस्वीर, गंगा में जलस्तर बढ़ने से डूबे कई शिविर

Prayagraj News: बताया जा रहा है कि गंगा के जलस्तर बढ़ने को लेकर कोई सूचना भी नहीं दी गई और बीती शाम से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। ऐसे में तटीय शिवरों में अभी खतरा मंडरा रहा है।

Report :  Syed Raza
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-01-18 10:59 GMT

माघ मेला प्रयागराज की तस्वीर 

Prayagraj News: संगम शहर प्रयागराज में लगे माघ मेले (Megh Mela Prayagraj 2022)  में अचानक से गंगा नदी  (Ganga River) के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के चलते कई शिविर पानी से डूब गए हैं। माघ मेले में गंगा के किनारे बनाये गए कई शिविरों में पानी भर गया जिससे शिविर में रहने वाले श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बताया जा रहा है कि गंगा के जलस्तर बढ़ने को लेकर कोई सूचना भी नहीं दी गई और बीती शाम से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा ।ऐसे में तटीय शिवरों में अभी खतरा मंडरा रहा है। सिंचाई विभाग के सूत्रों का कहना है कि कानपुर बैराज से गंगा में 23000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसकी वजह से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई है। सबसे ज्यादा दिक्कत माघ मेले के पांटून पुल नंबर 2 की तरफ रह रहे श्रद्धालुओं को हो रही है जिनके शिविर में अचानक से पानी घुस गया और तकरीबन 6 से अधिक शिविर और कई कल्पवासियों के टेंट इससे प्रभावित हुए हैं।

प्रयागराज में लगे माघ मेले मैं अव्यवस्थाओं का दौर जारी है। गंगा में अचानक से हुई बढ़ोतरी के चलते कार्टून फुल नंबर दो के आसपस के शिविर जलमग्न हो गए हैं शिविरों में रह रहे लोगों में माघ मेला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। श्रद्धालुओं ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है उनका कहना है कि मेला प्रशासन ने पहले से यह सूचना नहीं दी कि अचानक से जलस्तर में बढ़ोतरी हो जाएगी और कल शाम से जब अचानक से गंगा में पानी उनके शिविर तक पहुँचा तो उनके पूरे शिविर में बाढ़ जैसे हालात हो गए।

माघ मेला प्रयागराज की तस्वीर 

हालत इतने दयनीय है कि लोगों को मेला छोड़कर जाना पड़ रहा है ।शिविर के संस्थापको का कहना है कि कई लाख का नुकसान हो चुका है। अब उनको भी कुछ समझ नही आ रहा कि वो क्या करे। महिला श्रद्धालुओं को सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही है। श्रद्धालु मीरा माता का कहना है कि मेला शुरू होने से पहले ही मेला प्रशासन को यह सूचना होनी चाहिए कि कब और किस जगह पानी बढ़ने की संभावना है।

ताकि उस जगह शिविर ना बनाए जाएं ऐसे में इसकी पूरी जिम्मेदारी मेला प्रशासन की है। उधर श्रद्धालु रेखा द्ववेदी कहना है कि वह पिछले 20 सालों से मेले में शिविर लगाती हैं और हर माघ मेले में और कुंभ मेले में भंडारे का आयोजन होता है। ऐसे में इस बार पानी आ जाने से पूरी व्यवस्था खराब हो गई है जितने लोग भी उनके शिविर में लोग रुके थे वह सब लोग अपने अपने घर लौट रहे हैं और वह भी इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन को बता रही हैं।

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