Santkabirnagar News: संतकबीरनगर में घाघरा नदी खतरे के निशान से उपर, इलाकों में बढ़ा बाढ़ का खतरा

घाघरा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। धनघटा तहसील के नदी और बांध के बीच बसे दर्जनों गांव पानी से घिर गए हैं।

Report :  Amit Pandey
Published By :  Deepak Raj
Update:2021-08-25 20:46 IST
बाढ़ से घिरा गांव

Santkabirnagar News: घाघरा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। धनघटा तहसील के नदी और बांध के बीच बसे दर्जनों गांव पानी से घिर गए हैं। आपको बता दें कि धनघटा क्षेत्र में लाल निशान से 5 सेंटीमीटर ऊपर बहने से लोगों को भय सताने लगा है। सरयू नदी को खतरे के निशान से ऊपर बहने से अब नाव से पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं। बाढ़ के पानी से ग्रामीणों को जीना मुहाल हो गया है लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन की ओर से नाव के अलावा कोई और प्रबंध नहीं किया गया है।


घाघरा नदी के पानी बढ़ने से गांव में बाढ़ जैसी स्थिती उतपन्न हो गई 


जबकि जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने अधिकारियों को पूरी तरह से सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। लगातार बारिश के बाद धनघटा तहसील क्षेत्र में बह रही घाघरा नदी फिर उफान के लिए तैयार है। 2 दिनों से लगातार जलस्तर बढ़ने से लोगों में बेचैनी छाने लगी है। जिससे बंध के अंदर बसे दर्जनों गांव को बाढ़ का पानी अपने गिरफ्त में ले लिया है। गांव वालों का कहना है कि लाल निशान से ऊपर बढ़ते जलस्तर से अब रात में सोने में डर लगने लगा है।

आपको बता दें कि धनघटा तहसील क्षेत्र के गायघाट, सियर कला, शितलपुरवा, दौलतपुर, गुनवतिया, ढोल बजा, खैरगाड़, कटहा, कंचनपुर, गुलरिहा, चपरा पूर्वी, चकदहा, सरैया खरैया, धमचिया, खालेपुरवा समेत अन्य गांव में बढ़ते नदी के जलस्तर से घिर चुके हैं। दो दिनों से धनघटा क्षेत्र में नदी जलस्तर बढ़ रही है, प्रशासन ने खतरे का निशान 79.350 सेंटीमीटर निशान लगाया है, लेकिन बारिश के कारण लगातार जलस्तर बढ़ने से अब खतरे के निशान 5 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जो वर्तमान में 79.400 सेंटीमीटर पर बह रही है, अगर ऐसा ही रहा तो रात में और बढ़ने का आसार है।


भारी बारिश से शहर में जलभराव जैसी स्थिती उतपन्न हो गई है


नाव से सुरक्षित स्थान पर जाते लोग


सोमवार की रात से लगातार हो रही बारिश से शहर में हर तरफ जलभराव हो गया है। नगर पालिका परिषद खलीलाबाद कस्बे के विभिन्न मोहल्लों में जलभराव होने से तालाब जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। सरकारी कार्यालयों के परिसर भी पानी से भरे हैं।


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