Pushpanjali Kathak Event: कथक नृत्य की प्रस्तुति देकर कलाकारों ने दर्शकों का मनमोहा

Pushpanjali Kathak Event: हिंदी रंगमंच दिवस पर ऊप्र संगीत नाटक अकादमी में पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Update:2023-04-04 03:14 IST
Pushpanjali Kathak Event

Pushpanjali Kathak Event: संगीत नाटक अकादमी की रसमंच योजना के अंतर्गत पद्मजा कला संस्थान द्वारा उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की वाल्मीकि रंगशाला में पुष्पांजलि कथक नृत्य एवं एकल वायलिन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । पद्मजा कला संस्थान की ओर से पुष्पांजलि कथक एवं एकल वायलिन कार्यकम का संगीत नाटक अकादमी में डॉ आकाँक्षा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। पुष्पांजलि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर डॉक्टर पूर्णिमा पांडेय कथक नृत्यांगना एवं पूर्व अध्यक्ष उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी एवं कथक गुरु, डॉक्टर मांडवी सिंह कुलपति भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय और राम मोहन महाराज जी मौजूद रहे। सभी ने दीप प्रज्वलन और कलाकारों को शुभकामनाएँ देते हुए कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

कार्यक्रम की मुख्य प्रस्तुतियाँ

पुष्पांजलि कार्यक्रम में अंतर्रष्ट्रीय कथक नृत्यांगना एवं कथक गुरु डॉ आकाँक्षा श्रीवास्तव, सचिव पद्मजा कला संस्थान एवं उनके शिष्य- अरोहिनी चैधरी, सिमरन कश्यप, गौरी शर्मा, प्रखर मिश्रा, विकास अवस्थी, सपना सिंह, अंश रावत, आराध्या दीक्षित, अपूर्वा शुक्ला, सौम्या अवस्थी आदि मौजूद रहे। सभी कथक नृतकों ने अपनी गुरु डॉक्टर आकाँक्षा श्रीवास्तव के साथ थाठ, आमद, टप्पे, टुकड़े, राम वंदना की कथक प्रस्तुतियाँ पेश कर सभी अतिथियों और दर्शकों का मन मोह लिया ।

एकल वायलिन प्रस्तुति

शुभम सरकार, दिल्ली वायलिन के अंतरराष्ट्रीय कलाकार ने राग जोग प्रस्तुत किया। इनके साथ तबले पर इनके पिताजी और सहयोगी कलाकार प्रदीप कुमार सरकार मौजूद थे। इस बाप-बेटे की वायलिन और तबले की अद्भुत जुगलबंदी ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

कथक की अन्य प्रस्तुतियाँ

डॉ आकाँक्षा के अन्य छात्र- आंशिक कटारिया, सीजा राय, सौम्या अवस्थी, आदित्य रावत, शैली और कुशी मौर्य द्वारा सूफी कथक नृत्य और युगल नृत्य पेश किया। सभी कलाकारों को अतिथियों द्वारा खूब सराहा गया ।

सभी कलाकारों ने लखनऊ घराने की नींव को संजोय रखा

सभी कथक के नृतकों ने अपनी खूबसूरत प्रस्तुतियों से लखनऊ घराने की इस कथक की नींव और परम्परा को वर्षों तक जीवंत रखा।

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