Sonbhadra: आज भी मोबाइल नेटवर्क से अछूते हैं कई गांव, 88 बूथों पर रेडियो टेलीफोनी सिस्टम बनेगी नेटवर्किंग का माध्यम

विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां लगभग पूरा कर लिया है। सोनभद्र में मतदान से जुड़े अधिकारियों और सुरक्षा से जुड़े लोगों में संवाद-निर्देश के आदान-प्रदान के लिए रेडियो वायरलेस सेट का प्रयोग किया जाएगा।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Kaushlendra Pandey
Update: 2022-01-26 08:57 GMT

Radio Wireless

सोनभद्र। दुनिया जहां चांद पर घर बसाने की सोच रही है। वहीं 5जी के दौर में सोनभद्र में अभी भी कई गांव ऐसे हैं, जो मोबाइल नेटवर्क (Mobile Network) से पूरी तरह कटे हुए हैं। ऐसे ही गांवों में स्थित 88 मतदान बूथों पर मतदान से जुड़े अधिकारियों और सुरक्षा से जुड़े लोगों में संवाद-निर्देश के आदान-प्रदान के लिए रेडियोटेलिफोनी प्रणाली( रेडियो वायरलेस सेट) (Radio Wireless Set) का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए संबंधित मतदान बूथों के क्षेत्र को शैडो एरिया के रूप में चिन्हित किया गया है और उसी के अनुरूप मोबाइल नेटवर्क से अछूते गांव-एरिया स्थित मतदान बूथों पर तथा उसके आसपास में संचार सेवा के रूप में रेडियो वायरलेस सेट की सेवा अपनाई जाएगी।

बताते चलें कि मध्य प्रदेश की सीमा से सटे तथा ओबरा विधानसभा क्षेत्र (Obra Assembly Constituency) की एरिया में आने वाले कनहरा और जुगैल ऐसे गांव हैं जहां मोबाइल कनेक्टिविटी पूरी तरह से उपलब्ध नहीं है। वहीं क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश की बड़ी ग्राम पंचायतों में कुलडोमरी, परसोई, बेलगड़ी ग्राम पंचायत में आंशिक रूप से ही मोबाइल नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है। कुछ यहीं स्थिति राबर्ट्सगंज विधानसभा (Robertsganj Assembly Constituency) और दुद्धी विधानसभा (Duddhi Assembly Constituency के सीमा क्षेत्र वाले गांवों की भी है। घोरावल विधानसभा ही एकमात्र विधानसभा है जहां कोई भी मतदान बूथ मोबाइल नेटवर्क से अछूता नहीं है। सहायक निर्वाचन अधिकारी जगरूप सिंह बताते हैं कि जहां-जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं है, वहां स्थित मतदान बूथों वाली एरिया को शैडो एरिया के रूप में चिन्हित किया गया है। ऐसे सभी जगहों पर रेडियो दिलीप सोनी सिस्टम के जरिए कनेक्टिविटी की कार्य योजना बनाई गई है। बता दें कि राबर्ट्सगंज विधानसभा में 20, ओबरा विधानसभा में 56 और दुद्धी विधानसभा में 12 कुल 88 मतदान बूथों का चिन्हांकन शैडो एरिया के रूप में किया गया है।

बता दें कि देश में पहली बार रेडियो टेलिफोनी सिस्टम ने जहां 1938 के कुंभ में उभड़ने वाली भीड़ के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं 1970 के दशक वाले सालों में डकैती विरोधी अभियान में। बड़ी मदद पहुंचाई थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इस सेवा का इस्तेमाल मोबाइल नेटवर्क से अछूते इलाकों में संचार के विश्वसनीय साधन के रूप में किया जाएगा।

रेडियो टेलीफोनी सिस्टम की है यह खासियत

यह उच्च, बहुत उच्च और अति-उच्च वायु तरंगों पर काम करने वाला सिस्टम है। सोनभद्र के अलावा प्रदेश के चंदौली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, ललितपुर और मेरठ जिले के ऐसे मतदान केंद्रों पर इस सेवा का इस्तेमाल किया जाएगा जहां मोबाइल नेटवर्क मौजूद नहीं है। इस रेडियो टेलिफोनी सेवा से मोबाइल नेटवर्क न रहने की दशा में भी मतदान टीम और सुरक्षा दस्ते का सीधा जुड़ाव अधिकारियों से बना रहेगा। ताकि कहीं कोई दिक्कत आने या अप्रिय स्थिति का अंदेशा बनने पर तत्काल मदद पहुंचाई जा सके।

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