Raebareli News: फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में चौंकाने वाली जांच रिपोर्ट आई सामने
Raebareli News: पुलिस की जांच में सामने आया था कि सलोन ब्लॉक में छह ग्राम सभाओं में 19 हज़ार से ज़्यादा ऐसे फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र बना दिये गये, जिनका इन गांवों से कभी कोई सम्बन्ध ही नहीं रहा।
Raebareli News: रायबरेली में फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र मामले में चौकाने वाली जांच रिपोर्ट सामने आई है। यहां रायबरेली की सलोन तहसील के 11 गांवों में कुल 52 हजार से ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बने है।
बता दें कि सितंबर महीने में सलोन ब्लॉक में फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र बनाये जाने का मामला सामने आया था। ये सभी जन्म प्रमाणपत्र यहां स्थित सहज जनसेवा केंद्र से जारी हुए थे। बाद में सामने आया था कि जनसेवा केंद्र संचालक ज़ीशान और उसका पिता रियाज़ ग्राम विकास अधिकारी की आई डी पासवर्ड चुराकर फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र जारी करते थे। इस मामले में वीडीओ जीतेन्द्र सिंह यादव ने सलोन थाने में तहरीर भी दी थी कि उसका आई डी पासवर्ड चोरी होकर उससे फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र जारी किये गये हैं। इस मामले में शासन के निर्देश पर ए टी एस जांच करने पहुंची तो जीतेन्द्र यादव की ज़ीशान के साथ मिली भगत सामने आयी थी। इसके बाद ही वी डी ओ जीतेन्द्र सिंह समेत ज़ीशान और पिता रियाज़ को गिरफ्तार किया गया था।
19 हज़ार से ज़्यादा ऐसे फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र
पुलिस की जांच में सामने आया था कि सलोन ब्लॉक में छह ग्राम सभाओं में 19 हज़ार से ज़्यादा ऐसे फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र बना दिये गये, जिनका इन गांवों से कभी कोई सम्बन्ध ही नहीं रहा। इसके बाद आरोपी ग्राम विकास अधिकारी विकास यादव की आईडी पासवर्ड फ्रीज करके दूसरे ग्राम ग्राम विकास अधिकारी का आईडी पासवर्ड जनरेट कर जाँच की गई तो 11 गाँवो में 52 हजार से ज्यादा जन्म प्रमाणपत्र फर्जी मिले है। फिलहाल इस मामले में सीडीओ अर्पित उपाध्याय और डीपीआरओ कैमरे पर कुछ भी बोल नही रहे हैं।
सीडीओ का कहना है कि अभी मेरे पास जाँच रिपोर्ट नही आई है जबकि डीपीआरओ सौम्य शील सिंह ने बताया है कि अभी फाइनल रिपोर्ट अभी नहीं आई है और प्रथम पाली की रिपोर्ट जुलाई में आई थी जो घटना घटित हुई थी, छा तहसील में करीब साढ़े 33 हजार के करीब, जन्म प्रमाण पत्र बने थे और रिपोर्ट पूरी कंप्लीट कर ली गई है सक्षम अधिकारी को प्रेषित कर दी गई है, दो हजार पन्ने की रिपोर्ट है। संवेदनशील मुद्दे पर बिना जाँच रिपोर्ट पढे कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। गौरतलब है कि फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र बनाये जाने की पुष्टि के बाद एटीएस इस मामले में जांच एटीएस और एनआईए कर रही है।