Raebareli News: 19 हजार से ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र जारी, सभी CSC सेंटरों की होगी जांच
Raebareli News: एडीओ पंचायत की जांच में सामने आया कि ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव समेत राइन सहज जनसेवा केंद्र संचालक जीशान खान रियाज व एक अन्य की मिलीभगत से लगभग 19 हजार से ज्यादा गैर जनपदीय और गैर प्रांतीय लोगों के फर्जी प्रमाण पत्र जारी हो गए।
Raebareli News: रायबरेली की सलोन तहसील में जारी 19 हजार से ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने का मामला आने के बाद जिला विकास अधिकारी ने अन्य तहसीलों में भी इस तरह की गड़बड़ी होने की आशंका जताई है। आशंका की पुष्टि के लिए उन्होंने जिले भर के जन सेवा केंद्रों की जांच कराए जाने की बात कही है। उन्होने कहा कि पूरे जनपद में संचालित जनसेवा केंद्रों की जब से आईडी निर्गत हुई है तब से अब तक जारी सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया जाएगा। उन्होंने इसके लिए एक टीम गठित कर दी है। माना जा रहा है कि सलोन जैसा मामला अन्य तहसीलों में भी सामने आ सकता है।
बता दें कि रायबरेली में राष्ट्रीय सुरक्षा को धता बताते हुए यहां सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत से हजारों फर्जी जन्म प्रमाणपत्र निर्गत कर दिए गए हैं। खास बात यह कि इनमें से ज्यादातर जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने वालों का इन गावों से कोई संबंध ही नहीं है। आशंका जताई जा रही है कि जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने वाले अलग अलग प्रांतों के रहने वाले हैं। मामला सलोन तहसील का है। यहां ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव की नूरुद्दीनपुर सिरसिरा, गोपालपुर गावों में तैनाती है। इन गावों के पते पर पिछले कई महीने से ऐसे लोगों के जन्म प्रमाणपत्र निर्गत हो रहे थे, जिनका यहां से कभी कोई संबंध ही नहीं रहा है। तीनों ग्राम सभाओं के प्रधानों ने इस बात की सूचना एडीओ पंचायत जितेंद्र सिंह को दी। मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तो सीडीओ ने इसकी जांच एडीओ पंचायत को सौंप दी।
एडीओ पंचायत की जांच में सामने आया कि ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव समेत राइन सहज जनसेवा केंद्र संचालक जीशान खान रियाज व एक अन्य की मिलीभगत से लगभग 19 हजार से ज्यादा गैर जनपदीय और गैर प्रांतीय लोगों के फर्जी प्रमाण पत्र जारी हो गए। पुलिस ने एडीओ पंचायत जितेंद्र सिंह की तहरीर पर ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव समेत जीशान खान रियाज व एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए बीती देर रात तक जिले के डीएम एसपी समेत आईजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी और आईजी लखनऊ जोन प्रशांत कुमार मामले से जुड़े अभिलेख खंगालते रहे। वहीं इस घटना को लेकर जिले के अधिकारी सहमे हुए हैं।