...दिखी 'नदिया के पार' फिल्म की झलक, 65 बैलगाड़ियों से दुल्हन लेने पहुंचा दूल्हा
Raebareli News: राहुल के परिजनों ने बताया कि राहुल और उनके पिता की इच्छा थी कि बेटे की बारात को यादगार बनाया जाए, जिसके चलते क्षेत्र की बैलगाड़ियों को इकट्ठा किया गया और उसके द्वारा बारात बारातियों को लेकर दुल्हन के घर रवाना हुई।
Raebareli News: आधुनिकता के इस दौड़ में जहां शादी विवाह के अवसर पर लोग फॉर्च्यूनर, मर्सिडीज़, इनोवा जैसी लग्जरी गाड़ियों से बारात ले जाने की अपनी शान समझते हैं। वहीं, आज के समय में भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो पुरानी परंपरा के माध्यम से अपनी संस्कृति को जीवित किए हुए हैं। मामला डीह थाना क्षेत्र के अंतर्गत खुरहटी गांव का है, जहां के रहने वाले राहुल यादव पुत्र सूरजपाल यादव अपनी शादी में लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल न करके पुरानी संस्कृति को अपनाया है। बैल गाड़ियों से बारात को अपने घर से बेहटा गांव के लिए रवाना किया। बैलों के गले व पैरों में सजे हुए घुंघरू खनखन की आवाज से निकली बारात लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी, जिसको देखने के लिए लोग रोड के किनारे खडे रहे।
रायबरेली जनपद के मिल एरिया थाना क्षेत्र के रही ग्राम सभा के लोग अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए अब पुरानी परंपरा की तरफ जा रहे हैं। जनपद के गुलाबगंज गांव के रहने वाले राहुल यादव ने अपनी बारात को यादगार बनाने के लिए बारात में 65 बैलगाड़ियों की व्यवस्था की। बारात जैसे ही गांव से दुल्हन के गांव बेहटा खुर्द के लिए निकली तो रास्ते भर में देखने वालों ने बारात की सराहना की। आप तस्वीरों में खुद देख देख सकते हैं कि बैलगाड़ियों की लाइन लगी हुई है। बैलों के गले में घुंघरू बांधे हुए हैं, देखकर ऐसा लग रहा है कि एक बार आधुनिकता के दौर में फिर से पुरानी परंपरा देखने को मिल रही है। बैलों के गले में बंधे घुंघरू की आवाज सुनकर लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं।
राहुल के परिजनों ने बताया कि राहुल और उनके पिता की इच्छा थी कि बेटे की बारात को यादगार बनाया जाए, जिसके चलते क्षेत्र की बैलगाड़ियों को इकट्ठा किया गया और उसके द्वारा बारात बारातियों को लेकर दुल्हन के घर रवाना हुई। क्षेत्र पंचायत सदस्य संतोष यादव ने बताया की राहुल यादव की बारात है, जो ग्राम गुलाबगंज ग्राम सभा खुर्रहटी से बेहटा खुर्द राही जा रही है।