Raebareli News: शीतला देवी बन गईं मिसाल, कई महिलाओं को दिया रोजगार
Raebareli News:राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत शीतला देवी के समूह ने वर्मी कंपोस्ट बनाने का प्रशिक्षण लिया तो उनकी जिंदगी ही बदल गई। वर्मी कंपोस्ट गांव में ही बनाकर रायबरेली और लखनऊ में बेचने लगीं। इसके अलावा वर्मी कंपोस्ट से ही धान और गेहूं के बीज बनाना भी शुरू किया तो समूह की आय लाख पार हो गई।
Raebareli News: कहते हैं अगर सच्चे मन से ठान लिया जाए तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं हो सकता। रायबरेली जिले की शीतला देवी ने ऐसा ही कर दिखाया। वह स्वयं तो अपने पैरों पर खड़ी ही हुईं साथ ही कई महिलाओं को रोजगार भी दिलाया। रायबरेली की शीतला देवी नाम की बुजुर्ग महिला ने हौसलों के उड़ान की मिसाल पेश की है। शीतला देवी के पति खेतों में काम करने चले जाते थे तो घरेलू कामकाज निपटाने के बाद इनके पास समय ही समय था। हरचंदपुर ब्लॉक में हिडाइन गांव की रहने वाली शीतला देवी कुछ करने की मन में सोच ही रही थीं कि तभी 2011 में राजीव गांधी महिला परियोजना से जुड़े लोगों ने शीतला देवी से स्वयं सहायता समूह बनाकर अपनी और गांव की अन्य महिलाओं की आय बढ़ाने की पेशकश की।
12 लोगों के साथ मिलकर शुरू किया काम
शीतला देवी ने 2011 में 12 लोगों के साथ मिलकर संतोषी मां महिला स्वयं सहायता समूह की स्थापना की और कोषाध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी निभाने लगीं। समूह से जुड़ी महिलाएं विभिन्न प्रशिक्षणों के बाद आय बढ़ाने की जुगत ही कर रही थीं कि तभी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत शीतला देवी के समूह ने वर्मी कंपोस्ट बनाने का प्रशिक्षण लिया तो उनकी जिंदगी ही बदल गई। वर्मी कंपोस्ट गांव में ही बनाकर रायबरेली और लखनऊ में बेचने लगीं। इसके अलावा वर्मी कंपोस्ट से ही धान और गेहूं के बीज बनाना भी शुरू किया तो समूह की आय लाख पार हो गई।
...तो उनकी आय भी लाख पार करने लगी
उधर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से मिले ऋण को महिला सदस्यों ने अपनी ताकत बना ली। समूह की महिलाओं ने खुद को आत्मनिर्भर बनाते हुए ऋण के पैसों से आटा चक्की और गाय, भैंस पालन जैसे व्यवसाय शुरू किए तो उनकी आय भी लाख पार करने लगी। उधर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से और मजबूत बनाने के लिए लखपति दीदी ऐप लॉन्च किया है। पूरे देश के साथ ही रायबरेली में भी इसी ऐप के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है जिसका उद्देश्य समूह से जुड़ी सभी महिलाओं की इनकम लाख रुपये से ऊपर करना है।