लखनऊ एयरपोर्ट से राहुल अमेठी रवाना, आज होगी लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा

Update: 2019-07-10 08:00 GMT
लखनऊ एयरपोर्ट से राहुल अमेठी रवाना, आज होगी लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में हार के बाद अपने पहले अमेठी दौरे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को अमेठी पहुंच रहे हैं। लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे तो कांग्रेसियों ने भव्य स्वागत किया। यहां से सड़क मार्ग से अमेठी के लिए हुए रवाना हो गए हैं। अाज का दिन अमेठी की सियासत में काफी अहम होगा।

लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा करेंगे राहुल गांधी

वह यहां पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं संग बैठक कर लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा करेंगे। यह पहली बार है जब स्मृति ईरानी के हाथों हार झेलने के बाद राहुल अमेठी में होंगे। बदले हुए हालात में राहुल गांधी अमेठी में जनता के सामने होंगे तो बहुत कुछ तस्वीर साफ होगी। अमेठी की सियासत किस करवट बैठेगी। अमेठी को लेकर पिछले पांच सालों से राहुल व स्मृति के बीच जारी सियासी लड़ाई का रूख क्या होगा। इसका भी अनुमान लगेगा।

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वैसे तो अमेठी से गांधी-नेहरू परिवार का बहुत पुराना नाता है।बैठक में ग्राम पंचायत अध्यक्ष, वरिष्ठ कार्यकर्ता, पीसीसी व डीसीसी पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक तीन बजे तक चलेगी। बैठक में शामिल होने वाले लोगों को जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा पास जारी किया जा रहा है। पास धारकों को ही कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति होगी।

गौरीगंज जायेंगे राहुल गांधी

राहुल रायबरेली जिले के सलोन के बभनपुर निवासी दिवंगत पूर्व ब्लाक अध्यक्ष रहे स्व. विंध्या प्रसाद द्विवेदी के परिवारीजनों से मुलाकात करेंगे। यहां से गौरीगंज पहुंचेंगे। यहां के शोभावतपुर गांव स्थित निर्मला देवी शैक्षिक संस्थान में आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे। उसके बाद वह गौरीगंज चौक स्थित कांग्रेसी नेता स्व. डॉ गंगा प्रसाद गुप्ता के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने उनके घर जा सकते हैं।

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वहीं, राहुल के अमेठी दौरे से ठीक पहले अमेठी में पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। अमेठी में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें संजय गांधी अस्पताल को लेकर राहुल गांधी से जवाब मांगा गया है। पोस्टर में लिखा है- 'न्याय दो न्याय दो, मेरे परिवार को न्याय दो. दोषियों को सजा दो...इस अस्पताल में जिंदगी बचाई नही गंवाई जाती है।'

अमेठी में चर्चा का विषय हैं पोस्टर

सुबह से ही यह पोस्टर अमेठी में चर्चाओं का विषय बन गए हैं। बता दें, राहुल गांधी अमेठी में सोनिया गांधी के सांसद रहते हुए 2002 में राजनीति में सक्रिय हुए। 2004, 2009 व 2014 के आम चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी की जनता ने अपना रहनुमा चुना पर दूसरे चुनावों में कांग्रेस को करारी शिकस्त भी मिली। लेकिन, कांग्रेस ने कभी भी सियासी जख्मों से सबक लेकर आगे बढऩे की कोशिश नहीं की। 2017 के विधान सभा चुनाव में एक भी सीट पर पार्टी के प्रत्याशी नहीं जीते।

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पंचायत चुनाव के साथ नगरीय निकाय के चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा पर कांग्रेस ने कभी इसकी ईमानदारी से समीक्षा नहीं की। तीन जिलों (अमेठी, रायबरेली व सुलतानपुर) में फैले संसदीय क्षेत्र की अपनी-अपनी समस्याएं हैं और सियायत के रंग। जिन्हें भरने के लिए कांग्रेस के लोगों की माने तो राहुल गांधी बीते डेढ़ दशक में 191 बार अमेठी आये हैं। लंबे अंतराल के बाद पहली बार राहुल 2002 में अपनी बहन प्रियंका के साथ यहां आये थे।

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उसके बाद तो सांसद के रूप में उनका आना-जाना बना ही रहता था। अमेठी में राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पहले किसी योद्धा ने कोई खास चुनौती नहीं दी। राहुल ने दो चुनावों में रिकार्ड मतों के अंतर से जीत दर्ज की। आम चुनाव 2014 के पहले के तीन चुनाव में तो बस कहने को ही अमेठी में चुनावी मैदान सजता था। लेकिन, स्मृति पहले राहुल को कड़ी चुनौती दी और फिर पांच साल मेहनत कर अमेठी की सांसद बन गईं।

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