शामली: BJP MLA का राकेश टिकैत पर चौंकाने वाला खुलासा, जानकर रह जाएंगे दंग
नंदकिशोर ने आगे कहा कि राकेश टिकैत खुद देशद्रोह के मामले में वांटेड है और अपनी जान बचाने के लिए हम पर बयानबाजी करेंगे। राकेश टिकैत ने अपनी जान बचाने के लिए मेरे बारे में ऐसा बोला है और यह उन्होंने बहुत बड़ा पाप किया है।
शामली: जनपद के गांव बलवा में आज स्वर्गीय बाबू हुकम सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया था। जिसमें गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी समारोह में पहुंचे थे। उसी दौरान नंदकिशोर गुर्जर से बॉर्डर पर आंदोलन दे रहे किसानों के बारे में मीडिया से बातचीत हुई। जिसमे उन्होंने अपनी पार्टी का गुणगान करते हुए आंदोलनकारियों पर कटाक्ष किया है।
राकेश टिकैत को हुआ गलती का अहसास
उन्होंने बताया कि राकेश टिकैत ने मुझ पर जो आरोप लगाए थे उनकी गलती का राकेश टिकैत को एहसास हुआ है। जिसके लिए उन्होंने आज मेरे पास कुछ लोग भेजे थे और माफी मांगने के लिए बोल रहे थे। हमने उनसे स्पष्ट कह दिया है कि अगर राकेश टिकैत को माफी मांगनी है तो वह खुले मंच से माफी मांगे। अगर मैं आंदोलन के 20 किलोमीटर के दायरे तक भी गया हूं तो मेरी जांच कराई जाए अगर यह सत्य पाया गया तो मैं दुनिया को मुंह नहीं दिखाऊंगा। वही राकेश टिकैत दो- दो हज़ार रुपये में कुछ भी बात कह देते हैं। आज बॉर्डर पर जो आंदोलन चल रहा है उसमें पॉलीटिकल पार्टी के कार्यकर्ता धरने पर बैठे है।
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खुले मंच से माफी मांगे राकेश टिकैत
वही बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपने बयान में कहा है कि आज राकेश टिकैत ने हमारे पास कुछ लोग भेजे थे। कि हम नंदकिशोर गुर्जर से माफी मांग लेंगे। अगर राकेश टिकैत को माफी मांगनी है तो खुले मंच से माफी मांगे। राकेश टिकैत को अपनी गलती का एहसास हुआ है। इसी लिए माफी मांगने के लिए हमारे पास लोग भेजे है। खुले मंच से माफी मांगे राकेश टिकैत।
'अगर मैं वहां गया हूं तो राजनीति छोड़ दूंगा'
विधायक ने अपने बयान में यह भी कहा कि जिस तरह से राकेश टिकैत बयानबाजी कर रहे हैं मुझे लगता है कि वह बीमार है उन्हें डॉक्टर के यहां एडमिट हो जाना चाहिए और अपना इलाज कराना चाहिए। मैं किसान आंदोलन के 20 किलोमीटर के दायरे में भी नहीं गया हूँ। हमारी लोकेशन ट्रेस कराई जाए। अगर मैं वहां गया हूं तो राजनीति छोड़ दूंगा और दुनिया को मुंह नहीं दिखाऊंगा।
'राकेश टिकैत वांटेड'
नंदकिशोर ने आगे कहा कि राकेश टिकैत खुद देशद्रोह के मामले में वांटेड है और अपनी जान बचाने के लिए हम पर बयानबाजी करेंगे। राकेश टिकैत ने अपनी जान बचाने के लिए मेरे बारे में ऐसा बोला है और यह उन्होंने बहुत बड़ा पाप किया है। राकेश टिकैत की इस हरकत से तो महेंद्र सिंह टिकैत की आत्मा को भी बड़ा दुख पहुंचा होगा। राकेश टिकट दो-दो हज़ार रुपये में कहीं भी कुछ भी बोलते चले जाते हैं यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है।
किसानों का आंदोलन शांति से चलें
किसान आंदोलन के मुद्दें पर विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि किसानों का आंदोलन शांति से चले। मैं खुद किसान हूं। मुझसे बड़ा किसान थोड़ा ही है राकेश टिकैत। मेरे से आधी जमीन भी नहीं होगी राकेश टिकैत पर। बॉर्डर को कील ओर नुकीले तारों से बैरिकेड नहीं किया गया है। 2 महीने से ज्यादा हो गए हैं सरकार उनकी पूरी मदद कर रही है। आंदोलन पर किसानों की पूरी व्यवस्था सरकार कर रही है। पहली बार किसान आजाद हुआ है इस देश के अंदर। पहली बार किसान आजाद हुआ है इन बिल के द्वारा। बिल पर कोई बात ही नहीं कर रहा है। जिन लोगों ने लाल किले पर खालिस्तान का झंडा लहराया है उनको छोड़ने की बात की जा रही है।
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'दिल्ली के अंदर घुसे खालिस्तानी'
नदंकिशोर ने आगे कहा कि किसान के नाम पर ही दिल्ली के अंदर घुसे हैं जो भी खालिस्तानी, जो भी देश का अपमान हुआ। इस तिरंगा के लिए लाखों लोगों ने शहादत दी। जाट समाज और गुर्जर समाज, जो किसान समाज थे सबसे ज्यादा उन्हीं के बच्चों को मारा है इन्होंने दिल्ली में। उनकी जो शहादत थी उसी से तो तिरंगा लहरा रहा है देश पर। तिरंगे का अपमान होने से पाकिस्तान कह रहा है कि खालिस्तान का झंडा फहराया गया है भारत पर।
'ये किसानों का धरना है?'
उन्होंने अपने बयान में कहा है कि महेंद्र सिंह टिकैत की मौत पर मैं 3 बार इनके यहां पर गया था क्योंकि हमें महेंद्र सिंह टिकैत से आत्मीय लगाव था। किसानों का धरना, किसने कहा है किसानों का धरना है। पॉलिटिकल एक पार्टी के चार लोग वहाँ बैठे हैं। ये किसानों का धरना है? यह बिल किसान की जिंदगी के अंदर, किसान को स्वर्ग में ले जाने वाला बिल है।
'धरने पर बैठे हैं पॉलिटिकल पार्टी के कार्यकर्ता'
एमएलए नंदकिशोर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह जी और राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और चीन का दिमाग ठीक कर दिया है। किसान के भेष में ही दिल्ली में घुसे हैं किसान। किसान के भेष में नहीं होते तो हिम्मत थी किसी की जो तिरंगे को हाथ लगा दे। केवल किसानों के लिए उनके दिल में इतनी बड़ी जगह है कोई और सरकार होती ना.... तो 84 जैसी वाली घटना कराना चाहते थे लोग। जो धरने पर बैठे हैं वह पॉलिटिकल पार्टी के कार्यकर्ता हैं।
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'धरने पर बैठा है वह भोला भाला किसान नहीं'
बताते चलें कि विधायक नंदकिशोर ने ये भी कहा कि फिलहाल जो धरने पर बैठा है वह भोला भाला किसान नहीं है जिनको इन्होंने बरगलाया है। यह वह किसान नहीं है, भोला भाला किसान, जो इन्होंने शुरू में बरगलाया था कि मुझे(राकेश टिकैत को) मार डाला, जो लोग आए थे। वह सब मेरी बात को समझ गए हैं और सब वापस गए हैं। आज वहां केवल पॉलिटिकल पार्टी के कार्यकर्ता बैठे हैं।
रिपोर्ट- पंकज प्रजापति
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