राम मंदिर के नीचेे खजाना: नींव में छिपाई जाएंगी ये चीजें, अद्भुत होगा भूमिपूजन
दशकों के लम्बे इंतज़ार के बाद अयोध्या में राम लल्ला के लिए भव्य मंदिर निर्माण का 5 अगस्त को भूमी पूजन होना है। इस दौरान विधि विधान से होने वाले अनुष्ठान की जिम्मेदारी काशी के विद्वानों को सौंपी गयी है।
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राममंदिर निर्माण की शुरुआत 5 अगस्त से होनी है। इस दौरान भूमि पूजन को लेकर तैयारियां तेज हो गयी हैं। भव्य मदिर निर्माण को लेकर जहां प्रधानमंत्री मोदी चांदी की शिला भेंट करेंगे तो वहीं कई तीर्थ स्थलों व् मंदिरों की मिट्टी शिलान्यस के लिए लाई गयी है। अलक़नंदा का पावन जल, उज्जैन से महाकाल की भष्म भेजी गयी है। वहीं मिली जाणारी के मुताबिक, मंदिर की नींव रखे जाने के दौरान सोने के शेषनाग और चांदी के कछुए को भी रखा जाएगा।
काशी के विद्वान कराएंगे राम मंदिर भूमिपुजन का अनुष्ठान
दशकों के लम्बे इंतज़ार के बाद अयोध्या में राम लल्ला के लिए भव्य मंदिर निर्माण का 5 अगस्त को भूमी पूजन होना है। इस दौरान विधि विधान से होने वाले अनुष्ठान की जिम्मेदारी काशी के विद्वानों को सौंपी गयी है। बताया जा रहा है कि मंदिर के नींव में एक मन चांदी की रजत शिला स्थापित की जायेगी। इसके अलावा कई अन्य धातुओं और सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाएगा।
मंदिर की नींव में डालेंगे पंच रत्न
भूमिपूजन के विधिवत अनुष्ठान के बारे में काशी विद्वत परिषद के मंत्री और बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म संकाय ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर पंडित रामनारायण द्विवेदी ने जानकारी दी। प्रोफेसर पंडित रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि शिलान्यास के दौरान पंडितगण पंच रत्न यानी मूंगा, पन्ना, नीलम, माणिक्य और पुखराज को नींव में डालेंगे।
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पांच रजत बेलपत्र, पांच चांदी के सिक्के होंगे इस्तेमाल
इसके साथ ही पांच रजत बेलपत्र, पांच चांदी के सिक्के भी नींव में समर्पित किये जाएंगे। बता दें कि चांदी के जो पांच सिक्के नींव में डाले जाएंगे वो नंदा, जया, भद्रा, रिक्ता और पूर्णा के प्रतीक होंगे। इन सभी को पहले बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाएगा।
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ताम्र कलश में पांच नदियों का पवित्र, सोने के शेषनाग
पूजन के लिए ताम्र कलश में पांच नदियों का पवित्र जल भरा जाएगा। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि भगवान विष्णु के हजार मस्तकों वाले सेवक शेषनाग अपने फन पर पृथ्वी को धारण करते हैं। ऐसे में शेषनाग की प्रतिकृति को भी राम मंदिर के नीव में रखा जाएगा। शेषनाग की प्रतिमा सोने की होगी।
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चांदी के कच्छप का भी भूमिपुजन में इस्तेमाल
वहीं शुभ के प्रतीक और भगवान विष्णु के कछुआ अवतार यानी कच्छप की प्रतिकृति भी नींव में समाहित की जायेगी। कच्छप की प्रतिकृति चांदी की होगी। साथ ही खर्व औषधि का भी इस्तेमाल भूमि पूजन में किया जाएगा।
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