अवैध खनन व परिवहन रायल्टी की वसूली आदेश पर हस्तक्षेप से इनकार

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के ऑथराइज्ड ऑफिसर स्टेट बैंक ऑफ ट्रांवोकोर केस हवाले से कहा कि यदि वैकल्पिक फोरम उपलब्ध है तो अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दाखिल नही की जा सकती।

Update: 2019-05-25 15:56 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भदोही की सेमरा हरिकरनपुर की ग्राम प्रधान चन्द्रावती देवी के खिलाफ तालाब की खोदाई कर मिटटी बेच लेने के मामले में 3 लाख 39 हजार 570 रूपये की अवैध खनन व् परिवहन रॉयल्टी की वसूली आदेश पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है।

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कोर्ट ने कहा है कि कानून के तहत ऐसे आदेश के विरुद्ध अपील दाखिल की जानी चाहिए। याची वसूली आदेश को अपील में चुनौती दे सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने चन्द्रावती देवी की याचिका पर दिया है।

राज्य सरकार के अधिवक्ता बी पी सिंह कछवाह का कहना था कि याची ने मनरेगा योजना के तहत तालाब की खोदाई कराई।और मिट्टी तालाब के चारो और रखने के बजाय मिटटी बाहर भेज दिया।वास्तव में तालाब की मिट्टी बेच दी गयी।और सरकारी योजना राशि हड़प ली गयी।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के ऑथराइज्ड ऑफिसर स्टेट बैंक ऑफ ट्रांवोकोर केस हवाले से कहा कि यदि वैकल्पिक फोरम उपलब्ध है तो अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दाखिल नही की जा सकती।याचिका विशेष स्थिति में हस्तक्षेप के लिए ही दाखिल की जा सकती है। याची पर बिना अनुमति के मिटटी खोद कर बेचने के आरोप में कार्यवाही की गयी है।

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