Hathras News: कड़ी मशक्कत के बाद निकाली जा सकी बंदर के गले में फंसी रस्सी, मुश्किल से बची जान

Hathras News: हाथरस में बंदर के बच्चे के गले में बंधी रस्सी आज वाइल्डलाइफ की टीम ने काट दी है। टीम के साथ आए डॉक्टर ने बंदर के बच्चे का इलाज किया और उसे छोड़ दिया।

Update:2023-04-05 02:00 IST
हाथरस में रेस्क्यू टीम ने बंदर के बच्चे गले में फंसी रस्सी निकाली- (Photo- Newstrack )

Hathras News: हाथरस में बंदर के बच्चे के गले में बंधी रस्सी आज वाइल्डलाइफ की टीम ने काट दी है। टीम के साथ आए डॉक्टर ने बंदर के बच्चे का इलाज किया और उसे छोड़ दिया। टीम के सदस्यों ने बताया कि बंदर स्वस्थ है। मंगलवार को वाइल्डलाइफ की टीम अपने संसाधनों के साथ हाथरस आई। अपने साथ लाए केस में उसने बंदर को पकड़ कर उसके बाद उसके गले में बंधी रस्सी काटी। साथ ही उसके गले में रस्सी से आई चोट पर दवा लगाकर इलाज भी किया। कुछ समय बाद तक उसे पिजड़े में रखा गया और फिर छोड़ दिया गया।

उल्लेखनीय है कि हाथरस शहर के समाज सेवी अधिवक्ता मुकेश चतुर्वेदी सोमवार की सुबह शहर के लक्ष्मी टॉकीज के पास बैठा एक बंदर का बच्चा नजर आया। इसके गले में प्लास्टिक की रस्सी बंधी हुई थी, जो कि काफी टाइट हो रही थी। जिसके कारण बंदर के बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इस बात की सूचना समाजसेवी ने पहले तो हाथरस नगर पालिका और आगरा वन विभाग की रेस्क्यू टीम को दी। जिस पर टीम द्वारा उनको कोई रिस्पांस नहीं दिया गया।

आखिकार रेस्क्यू टीम को मिली सफलता, बची बन्दर की जान

इसके बाद समाजसेवी ने इस मामले में सांसद मेनका गांधी को फोन व ईमेल के माध्यम से जानकारी दी। जिनके बाद ताज खान के निर्देशन में आगरा से एक रेस्क्यू टीम हाथरस के लक्ष्मी टाकीज कमला बाजार में घायल बन्दर के बच्चे को रेस्क्यू करने के लिए आई, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद बन्दर का बच्चा पकड़ा नहीं जा सका है।

जिस पर मंगलवार को टीम फिर हाथरस पहुंची और बंदर के बच्चे को पकड़ कर उसके गले से प्लास्टिक की रस्सी को खोला। समाजसेवी अधिवक्ता मुकेश त्रिवेदी के प्रयास के बाद यह सब हो सका। इस मामले की मॉनिटरिंग सांसद मेनका गांधी द्वारा की गई।

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