लव जिहाद का कड़वा सच: कितनी हकीकत कितना फसाना, आंखें खोल देगी हकीकत
राजधानी दिल्ली में कुछ दिन पहले ही रिंकू शर्मा हत्याकांड सुर्खियों में था। इस मामले में रिंकू शर्मा बजरंग दल और बीजेपी की यूथ विंग का सदस्ये था। रिंकू सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था। ऐसे में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने और लव-जिहाद जैसे मामलों पर जहां उत्तर प्रदेश की सरकार सख्त है।
रिपोर्ट- रामकृष्ण वाजपेयी
नई दिल्ली। लव जिहाद या जबरन धर्म परिवर्तन कराने जैसे मामलों पर जहां उत्तर प्रदेश की सरकार सख्त है और इस पर जारी अध्यादेश को कानूनीजामा पहनाने की तैयारी कर रही है। वहीं जबरन इश्क या इकतरफा इश्क में अपराधों की बाढ़ सी आ गई है। वहीं मुस्लिम नेता इसे इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं। सवाल ये है कि जिस लव जेहाद की इतनी चर्चा की जा रही है उसका वास्तव में कितना वजूद है।
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रिंकू शर्मा हत्याकांड सुर्खियों में
राजधानी दिल्ली में कुछ दिन पहले ही रिंकू शर्मा हत्याकांड सुर्खियों में था। इस मामले में रिंकू शर्मा बजरंग दल और बीजेपी की यूथ विंग का सदस्ये था। रिंकू सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था।
परिजनों का आरोप था कि जय श्री राम बोलने पर रिंकू की हत्या की गई, वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि हत्या आपसी विवाद की वजह से हुई थी। दोनो पक्ष एक दूसरे को जानते थे और खाना खाने की दुकान खोलने को लेकर दोनो में झगड़ा चल रहा था। इस मामले को लेकर दिल्ली में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था।
अब ऐसा ही एक और मामला सामने आ रहा है। जिसे लव जिहाद में हत्या बताया जा रहा है। इस मामले में दिल्ली के बेगमपुर इलाके में एक 17 साल की लड़की की बेरहमी से हत्या कर दी गई है।
कहा ये जा रहा है कि आरोपित युवक लड़की से शादी करना चाहता था। यह इकतरफा प्रेम जैसा था। लड़की ने मना कर दिया इस पर गुस्से में आए लड़के ने लड़की की बेरहमी से हथौड़ा मारकर हत्या कर दी। ये भी दो धर्मों का मामला है आरोपित लइक खान फरार है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
लड़की को प्रेम जाल में फंसा कर शादी
इसी तरह पिछले साल मामला बदायूं के थाना सिविल लाइन क्षेत्र का एक मामला चर्चा में आया था। जिसमें आसिफ उर्फ बाबा उर्फ राजकुमार नाम के एक मुस्लिम युवक ने बदायूं के लोटनपुरा मोहल्ले की रहने वाली नेहा नाम की लड़की को प्रेम जाल में फंसा कर शादी कर ली थी। बाद में लड़की को सच्चाई पता चली तो दोनो में झगड़ा शुरू हुआ।
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आरोप है कि इस पर आसिफ ने नेहा का यौन शोषण करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी और शव को मीरा सराय गांव में फेंक दिया। बाद में शातिराना अंदाज में आसिफ ने लड़की के भाई को फंसाने के लिए उसका नाम लिया कि लड़की का भाई फंस जाएगा वो बच निकलेगा लेकिन पुलिस की जांच में वह फंस गया और गिरफ्तार हुआ।
ऐसे ही एक मामले में पिछले साल 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के अग्रवाल कॉलेज की बीकॉम तृतीय वर्ष की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप सोहना निवासी तौशीफ और नूंह निवासी रेहान पर लगा था। दोनों जेल में हैं। इस हत्याकांड का वीडियो वायरल हुआ था और यह मामला खूब उछला था।
इसी तरह मेरठ में साल भर पहले एक 19 साल की युवती का सिर और धड़ अलग कर नृशंस हत्या कर दी गई थी। 14 जून 2019 के इस जघन्य हत्याकांड का मुख्य आरोपी कितना शातिर था?
युवती ने शादी की जिद पकड़ ली
इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने इस लड़की को प्यार के झांसे में फंसाने के लिए न सिर्फ तंत्र-मंत्र का सहारा लिया बल्कि वो शाकिब से अमन भी बन गया। और जब युवती ने शादी की जिद पकड़ ली तो उसे मौत के घाट उतार दिया।
भारतीय समाज में जिस तरह की परंपरा रही है वो अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह को कभी प्रोत्साहित नहीं करती। इतना जरूर है कि प्यार और समर्पण से ऐसे रिश्ते निभाना ज्यादा मुश्किल भी नहीं है, ऐसी कई कामयाब शादियों के उदाहरण हैं।
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भारतीय समाज में अंतरधार्मिक शादियां दस फीसदी से भी कम होती हैं। सूचना क्रांति आने के बाद विश्व जब ग्लोबल विलेज बन गया है ऐसे में जब प्रेम प्रसंग होता है तो जाति पूछकर नहीं होता कई बार नामों को लेकर भी धोखा होता है लेकिन कोई शुरुआत में एक दूसरे की जाति नहीं पूछता। बल्कि ये मानकर चलता है कि ये नाम है तो हिन्दू ही होगा या ये नाम है तो मुस्लिम होगा।
प्यार में जबरदस्ती गलत है। अगर मुस्लिम लड़की हिन्दू लड़के से शादी करके मुस्लिम रह सकती है। तो हिन्दू लड़की भी मुस्लिम लड़के से शादी करके हिन्दू रह सकती है। किसी को भी अपना धर्म दूसरे पर नहीं थोपना चाहिए।
जबरदस्ती धर्म परिवर्तन
एक मुस्लिम धर्म गुरू से जब मैने इस विषय पर बात की तो उनका कहना था कि जिहाद शब्द का गलत इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनके साढ़ू ब्राह्मण हैं। मेरे बच्चों के मौसेरे भाई ब्राह्मण हैं। इस मुद्दे को गलत ढंग से तूल दिया जा रहा है। जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं होना चाहिए। स्वेच्छा से कोई माने तो रोक नहीं होनी चाहिए।
मौलाना आगा रूही का कहना है कि आज के खुले समाज में लड़के लड़कियों को मिलने से रोकना संभव नहीं है। इसे तभी रोका जा सकेगा जब हम तालिबानी कल्चर को अपना कर अपनी लड़कियों का पालन पोषण करने लगेंगे। जोकि संभव नहीं है। बेशक ऐसी शादियां कम होती हैं लेकिन इन्हें रोकना संभव नहीं। सभी को अपने धर्म को मानने को आजादी है और होनी भी चाहिए।
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मौलाना अलमदार हुसैन का कहना है कि जिहाद शब्द का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। लव जिहाद जैसा कुछ नहीं। वास्तव में जिस भारतीय समाज में जाति देखकर 95 फीसदी शादियां होती हैं वहां अंतरधार्मिक विवाह को स्वीकृति मिलना आसान नहीं है।
बेशक ऐसे तमाम उदाहरण है जिनमें मुस्लिम लड़कियों ने हिन्दू लड़कों से शादी कर सुखी जीवन बिताया। या मुस्लिम लड़कों ने हिन्दू लड़की से शादी कर सफल जीवन जिया। जो शादी के बाद धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हैं ऐसे लोगों पर सख्ती होनी चाहिए। और हत्या जैसे जघन्य आपराधिक कृत्यों में एक अपराधी की भांति ही सलूक होना चाहिए इसे धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
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