कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए संघ का जागरूकता अभियान शुरू

कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जागरूकता अभियान शुरू किया है।

Reporter :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-06-08 15:08 GMT

प्रसारण केंद्र में दाहिने से विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री शिवकुमार, केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट, आईएएएस जितेन्द्र कुमार और विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्र (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जागरूकता अभियान शुरू किया है। संघ का मानना है कि इस लहर में बच्चों पर खतरा है इसलिए अभी से सतर्क रहने की जरूरत है। भारत में बच्चों के लिये अभी कोरोना वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसलिए कोरोना की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते अभिभावकों को जागरूक करने की जरूरत है। कोरोना का नया स्ट्रेन डेल्टा स्ट्रेन ज्यादा लोगों में फैल रहा है, कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें, लापरवाही भारी पड़ सकती है। उक्त बातें केजीएमयू के पूर्व कुलपति व आरोग्य भारती के अवध प्रांत के अध्यक्ष डॉ. एमएलबी भट्ट ने सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित 'बच्चे हैं अनमोल' कार्यक्रम में व्यक्त की। यह कार्यक्रम विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऑनलाइन एप पर लाइव प्रसारित किया गया। इस दौरान लाखों लोग जुड़े और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत

मुख्य वक्ता केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने आगे कहा कि हमें यह नहीं मानना चाहिये कि कोरोना वायरस समाप्त हो चुका है, जैसा पहली लहर के बाद हुआ था। दूसरी लहर में काफी बच्चे संक्रमित हुये, लेकिन तमाम बच्चों में कोई लक्षण नहीं दिखे, इसलिये अभिभावकों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अपने साथ ही बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिये उन्हें प्रोत्साहित करें और तुलसी, हल्दी, नीम, काली मिर्च, गिलोय आदि के लाभों की जानकारी दें।

विशिष्ट वक्ता आईएएस जितेन्द्र कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आठ करोड़ से ज्यादा बच्चे हैं, सभी का अभी हाल में वैक्सीनेशन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना की यदि तीसरी लहर आती है तो इससे बचाव के लिये चिकित्सकों को उपचार पर ध्यान देने की जरूरत है। हमें दूसरी लहर से सीख लेनी चाहिये, इसलिये हम ढिलाई न करें। उन्होंने कहा कि दो गज की दूरी और मास्क जरूरी का पूरी तरह से पालन करें। स्वास्थ्य विभाग को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों को ध्यान में रखते हुये अस्पतालों में भी व्यवस्था करनी पड़ेगी, इसलिये वार्डों को चिल्ड्रेन फ्रेंडली बनाया जाये ताकि बच्चों में कोई तनाव न पैदा हो सकें।

कार्यक्रम अध्यक्ष व विद्या भारती के अखिल भारती मंत्री शिवकुमार ने कहा कि कोरोना से बच्चे कैसे सुरक्षित रहें, अभिभावक और शिक्षक वर्ग को इस पर जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही बच्चों पर किसी प्रकार का दवाब न डालें। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्वस्थ आहार दें, डिब्बा बंद खाने से दूर रखें। घर पर बना हुआ खाना ही बच्चों को खिलाएं। उन्हें फलों और सब्जियों का सेवन अधिक कराएं। अगर बच्चा बाहर के खाने के लिए जिद करता है तो उसे समझाएं कि इस समय वो फूड उनके लिए कितना खतरनाक है। बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए मल्टी विटामिन दे सकते हैं। लेकिन विटामिन ज्यादा देने से बचें।

कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र, अवध प्रांत के प्रदेश निरीक्षक राजेन्द्र बाबू, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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