अब महिलाएं करेंगी रक्षा: कोरोना से बचाएंगी ऐसे, उठाई ये बड़ी जिम्मेदारी

कोरोना की वैश्विक महामारी को लेकर चल रहे देशव्यापी लाॅकडाउन में भले ही लाखों लोगों के हाथों से रोजगार चला गया हो, लेकिन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन यानि एनआरएलएम से जुड़ी महिलाओं के हाथों में काम मिलने लगा है।

Update:2020-04-17 08:50 IST

कन्नौज। कोरोना की वैश्विक महामारी को लेकर चल रहे देशव्यापी लाॅकडाउन में भले ही लाखों लोगों के हाथों से रोजगार चला गया हो, लेकिन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन यानि एनआरएलएम से जुड़ी महिलाओं के हाथों में काम मिलने लगा है। उनके हाथ सिलाई मशीन पर थिरकने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में गांव की महिलाओं की ओर से घर पर ही बनाए गए थ्री-लेयर कपड़े के मास्क अधिकारी व कर्मचारी पहनेंगे। जिलों का लक्ष्य भी दे दिया गया है।

गांव की महिलाओं के हाथों का बना मास्क पहनेंगे अधिकारी व कर्मचारी

दरअसल, गांवों में चलने वाले स्वयं सहायता समूह यानि एसएचजी को मास्क बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जो भी व्यक्ति जरूरी काम से बाहर निकलेगा, उसे मास्क लगाना अनिवार्य है। मास्क न होने पर अंगौछा या रूमाल भी बांधा जा सकता है।

बाजार में मास्क की कमी को पूरा करेंगी महिलाएं

बाजार में मास्क की कमी है, उसकी भरपाई के लिए समूह की महिलाओं से मास्क बनवाने का काम शुरू कर दिया गया है। घर पर ही मिले काम और रोजगार की वजह से महिलाएं काफी खुश नजर आ रही हैं। कुछ गांव में तो फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए समूह की महिलाएं मास्क बनाने का काम कर रही हैं, जिसकी खूब तारीफ हो रही है।

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18 रुपए में खरीदा जाएगा मास्क

मास्क की कीमत भी तय हो गई है। समूह से जुड़ी जो महिलाएं गांव में थ्री लेयर कपड़े का जो मास्क बना रही हैं, उनको प्रति मास्क 18 रुपए के हिसाब से कीमत दी जाएगी।

क्या बोले डीसी स्वतः रोजगार

यूपी के कन्नौज में तैनात डीसी स्वतः रोजगार धर्मेंद्र सिंह यादव का कहना है कि जनपद में 40 हजार मास्क बनाने का लक्ष्य भी आ गया है। यह मास्क अधिकारियों व कर्मचारियों को मुहैया कराया जाएगा। मास्क बनाने वाली महिलाओं को 18 रुपए के हिसाब से कीमत भी अदा की जाएगी। कपड़ा मंगवाने व मास्क की सप्लाई के लिए वह गाड़ी भी भेज देते हैं, ताकि समूह की महिलाओं को दिक्कत न हो। कुछ मास्क उन्होंने जिलास्तरीय कंट्रोल रूम में ड्यूटी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को बांटे भी हैं।

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इन जिम्मेदार की भी सुनो

आजीविका मिशन जिला प्रबंधक राकेश मौर्य ने बताया कि जनपद से करीब 250 महिलाओं से मास्क बनवाने की सूची तैयार हो गई है। फिलहाल 70-80 महिलाओं ने मास्क बनाने का काम शुरू भी कर दिया है। इसमें समूह के अलावा बैंक आॅफ इंडिया के कन्नौज व इलाहाबाद बैंक तिर्वा के खैरनगर मार्ग पर चल रहे स्टार रोजगार प्रशिक्षण की महिलाओं को रोजगार दिया गया है। तीन से चार हजार मास्क बनकर तैयार भी हो चुके हैं।

इन ब्लाॅकों की महिलाएं अधिक

डीसी स्वतः रोजगार धर्मेंद्र सिंह यादव का कहना है कि कन्नौज जिले के सदर कन्नौज, गुगरापुर, जलालाबाद, उमर्दा व हसेरन ब्लाॅक क्षेत्रों की महिलाएं मास्क बनाने में ज्यादा सक्रिय हैं। करीब 12 समूह से 70 महिलाओं को चुना गया है। इन महिलाओं के हाथों की सिलाई मशीन से बने मास्क की गवर्मेंट सप्लाई की जाएगी। जिसे रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी आदि फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी व अधिकारी पहनेंगे।

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सामुदायिक निवेश निधि दी गई

उपायुक्त स्वतः रोजगार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कन्नौज धर्मेंद्र सिंह यादव ने सभी ब्लाॅक मिशन प्रबंधक को भेजे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है। गठित समूहों की ओर से दी गई सामुदायिक निवेश निधि की धनराशि से ट्रिपल लेयर के मास्क बनेंगे।

यह ब्लाॅक मिशन प्रबंधक क्या बोले

ब्लाॅक उमर्दा के मिशन प्रबंधक नीरज सोनकर ने बताया कि ब्लाॅक सदर क्षेत्र के करनपुर की निवासी स्वयं सहायता समूह की दीदी पूनम देवी, मियांगंज की सुमन देवी, करनपुर की नीरज देवी ने जोरशोर से मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है। इनके समूह भोले बाबा स्वयं सहायता समूह, वारिस स्वयं सहायता समूह आदि हैं।

अजय मिश्रा

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