Saharanpur News: सहारनपुर में इमरान मसूद भी नहीं दौड़ा पाये हाथी, जानें- बसपा के हार की वजह

Saharanpur News: चुनाव में इमरान मसूद ने हाथी की सवारी करते हुए दलित मुस्लिम समीकरण के तहत अपनी भाभी और समधन खदीजा मसूद को चुनावी मैदान में उतारा था और उम्मीद थी कि दलित मुस्लिम का यह समीकरण बसपा को जीत दिलाएगा।

Update:2023-05-15 02:06 IST
(Pic: Social Media)

Saharanpur News: सहारनपुर मेरठ सीट पर एक बार फिर भाजपा का कब्जा हो गया। 8031 वोटों से बसपा उम्मीदवार को पछाड़ते हुए जीत हासिल की। इस चुनाव में इमरान मसूद ने हाथी की सवारी करते हुए दलित मुस्लिम समीकरण के तहत अपनी भाभी और समधन खदीजा मसूद को चुनावी मैदान में उतारा था और उम्मीद थी कि दलित मुस्लिम का यह समीकरण बसपा को जीत दिलाएगा। स्वास्थ्य मंत्री रह चुके राजनीति के ध्रुवीकरण माने जाने वाले मरहूम काजी रशीद मसूद के भतीजे इमरान मसूद को अपने राजनैतिक कैरियर के लिए भी इस जीत की सबसे ज्यादा दरकार थी। दलित मुस्लिम समीकरण एक नया समीकरण था और अगर इसे बसपा के आईने से देखा जाए तो इससे ज्यादा कामयाब कोई और समीकरण नहीं था।

ऐसे में आंकड़ों के हिसाब से बसपा एकतरफा पूरी तरह जीत का सेहरा पहनने के लिए तैयार खड़ी थी और इसी समीकरण को लेकर इमरान मसूद पूरी तरह आत्मविश्वास से लबरेज थे। इस बार हाथी की सवारी के बाद ही उन्होंने इस नए समीकरण के बारे में सोचा और कामयाब करने में जुट गए लेकिन अफसोस उनका यह समीकरण नगर निकाय चुनाव में पूरी तरह फेल साबित हुआ। जहां दलितों ने हाथी का साथ देने के बजाय फूल को खिलाना ज्यादा बेहतर समझा और मुस्लिम दलित समीकरण यहां पर बिखरता दिखाई दिया।

...और देखते रहे गये इमरान

भाजपा की जीत का आधार भी यही दलित और मुस्लिम बन गया। यह समीकरण जहां बसपा के लिए फेल साबित हुआ वहीं भाजपा की जीत का आधार बन गया। भाजपा की जीत में दलित वोट महत्वपूर्ण साबित हुआ। दुधली कांड से नाराज दलितों ने हाथी के साथ जाने के बजाय कमल के फूल को खिलाने में ज्यादा बेहतरी समझी। भाजपा ने 8031 वोटों से जीत दर्ज की है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें 18000 वोट मुस्लिम समुदाय का है। उस मुस्लिम समुदाय का जिसे इमरान मसूद अपना समझते रहे और इन अपनों ने ही कमल को खिला दिया वहीं दलित वोट भी भाजपा लेने में सफल रही।

योगी क्यों बने पहली पसंद?

यह बहुत बड़ा कारण रहा जो भाजपा की जीत का कारण बना। जनता ने योगी को पसंद किया, उसका कारण कानून-व्यवस्था, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आना और तीन तलाक जैसे मुद्दे रहे। इसके कारण मुस्लिम महिलाएं योगी की प्रशंसक बन गईं। महिलाओं का कहना था कि यह एक बहुत बड़ी बात है अब रात को या दिन में कहीं भी अकेले जाती हैं। उन्हें इस बात का डर नहीं है कोई शोहदा उनके साथ बदतमीजी कर सकता है।

मुस्लिमों को पसंद आ रहा है योगी का बुलडोजर

भू माफिया को मिट्टी में मिलाने वाले योगी के बुलडोजर को मुस्लिम पसंद कर रहा है। उनका कहना है कि इस सरकार में जो योजनाएं हैं वह बिना किसी धर्म, बिना किसी वर्ग के भेदभाव के उन्हें समान रूप से मिल रही हैं। इन्हीं योजनाओं और एक्शन से दिलों में योगी की दस्तक लगनी शुरू हो गई है। पसमांदा मुस्लिमों की बात भाजपा हमेशा करती रही है। इस बार पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन करना भाजपा के लिए कामयाब रहा है। बीजेपी ने अभी इस सीढ़ी को चढ़ना शुरू किया है।

बीजेपी की जीत का आधार बना इमरान मसूद का समीकरण

सहारनपुर जनपद में भाजपा का मुकाबला बसपा से था जबकि पूरे प्रदेश में भाजपा का मुकाबला सपा से रहा। केवल सहारनपुर की एक ऐसी सीट थी जहां भाजपा का मुकाबला बसपा से था और इसमें कोई दो राय नहीं इमरान मसूद धुरंधर राजनेता हैं उनका मुकाबला नहीं है। ऐसे में उन्हें एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा है और वजह वही योगी का बढ़ता ओरा है। योगी का ये क्रेज मुस्लिम में दिखाई देने लगा है। जिस समीकरण को लेकर बसपा नेता इमरान मसूद चले थे यह समीकरण उनके लिए फेल साबित हुआ लेकिन भाजपा की जीत का आधार जरूर बन गया।

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