संत दर्शन के बाद अखिलेश ने दिखाए कड़े तेवर, बनारस के विकास पर बीजेपी को घेरा
अखिलेश य़ादव ने प्रेस कॉफ्रेंस की शुरुआत संत रविदास के संदेश से शुरु की। लेकिन कुछ देर में ही उन्होंने बीजेपी की बखिया उधेड़नी शुरु कर दी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी समाज में नफरत फैला रही है।
वाराणसी: संत रविदास जयंती में शामिल होने के बाद समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव सीधे सर्किट हाउस पहुंचे। आस्था के बाद अखिलेश यादव सियासी मिजाज में नजर आए। निशाने पर थी केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार। अखिलेश यादव ने बनारस के विकास से लेकर बंगाल चुनाव तक का मुद्दा उठाया। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को लेकर भी निशाना साधा तो गंगा सफाई को लेकर भी सवाल खड़े किए।
बीजेपी पर नफरत फैलाने का लगाया आरोप
अखिलेश य़ादव ने प्रेस कॉफ्रेंस की शुरुआत संत रविदास के संदेश से शुरु की। लेकिन कुछ देर में ही उन्होंने बीजेपी की बखिया उधेड़नी शुरु कर दी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी समाज में नफरत फैला रही है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे भारत की संस्कृति को, हमारे भारत की एकता को और भारत के लोगों के बीच में कोई सबसे ज़्यादा नफरत फैला रहा है तो वो भारतीय जनता पार्टी के लोग। भारतीय जनता पार्टी लगातार कभी धर्म के नाम पर कभी जातियों के बीच में नफरत फैला रही है।
बड़ी पार्टियों के साथ नहीं होगा गठबंधन
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव से सबक लिया है। आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी बड़ी पार्टी से गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस बार सिर्फ छोटी पार्टियों से ही सपा का गठबंधन होगा। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से दुबारा साथ के बारे में पूछा तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि वो साथ तो 2017 में बनारस में हुई छूट गया था।
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कहां गयी 5 ट्रिलियन वाली इकोनॉमी
उन्होंने आगे कहा कि आज तक जो भारतीय जनता पार्टी ने फैसले लिए हैं, उससे हमारी अर्थव्यवस्था को नुक्सान हुआ है। भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यस्था का ख्वाब दिखाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने इस बजट में एक बार भी 5 ट्रिलयन की बात नहीं कही। राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी 5 ट्रिलियन इकोनामी का रास्ता नहीं बताया।
मुख्यमंत्री के बयान कि विपक्ष प्रदेश की छवि खराब कर रहा है पर अखिलेश यादव ने कहा कि आप अगर उनके विधानसभा के भाषण देख लेंगे, पूरे देश के इतिहास में और इस डेमोक्रेसी में और खासकर उत्तर प्रदेश विधानसभा की जो परम्पराएं रहीं हैं। उसमें अनपार्लियामेंट्री वर्डस अगर किसी ने सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किये हैं तो वो भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने मुकदमें भी वापस लिए हैं।
राम मंदिर के लिए चंदा देने पर अखिलेश का ये जवाब
राम मंदिर में कितना चंदा समाजवादी पार्टी देगी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी दक्षिणा देने पर भरोसा रखती है और वो गुप्त होता है। हमारी वैदिक परम्पराओं में और हमारी माइथोलोजी में हमारे धर्म में चन्दा शब्द कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चन्दा शब्द भी बदल दिया जब से हमने सवाल उठा दिया। समाजवादी पार्टी दक्षिणा देती है और देगी।
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प्रदेश की जनता अगर आप को जिताएगी तो क्या करेंगे आप प्रदेश की जनता के लिये। इसपर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ नहीं बताऊंगा वरना भाजपा नक़ल कर लेगी। वहीं आज़म खां के ऊपर लगाए गए मुकदमों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी आज़म खां के साथ है। उन्होंने ओवैसी पर कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता विकास चाहती है। उत्तर प्रदेश की जनता लैपटॉप चाहती है। उत्तर प्रदेश की जनता चाहती है कि वरुणा साफ़ हो।
हजार साल में भी बनारस नहीं बनेगा क्योटो
बनारस के विकास पर भी अखिलेश यादव ने तंज किया। काशी को क्योटो बनाने के वादे पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार एक हज़ार साल में भी क्योटो नहीं बना सकती है। वहीं ममता बनर्जी के आरोप पर सहमति जताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ये रणनीति है कि ज़्यादा से ज़्यादा से फेज़ में चुनाव हो और परेशानी पैदा की जाए। हर पोलिंग बूथ में ममता बनर्जी पोलिंग एजेंट की मांग करें वरना वहां धोखा होगा।
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