इस गलती से बलिया में फंस गई भाजपा, सपा ने बोला हमला
केंद्र सरकार द्वारा रोजगार के लिए चयनित प्रदेश के 31 जिलों में बलिया को शामिल नहीं करने का मामला भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस मसले पर सपा ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है।
बलिया: केंद्र सरकार द्वारा रोजगार के लिए चयनित प्रदेश के 31 जिलों में बलिया को शामिल नहीं करने का मामला भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस मसले पर सपा ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है।
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केंद्र सरकार द्वारा रोजगार के लिए चयनित प्रदेश के 31 जिलों में बलिया को शामिल नहीं करने को लेकर समाजवादी पार्टी ने भाजपा के साथ ही भाजपा के जिले के जन प्रतिनिधियों को जमकर आड़े हाथों लिया है। सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नारद राय ने इसे जिले के साथ भाजपा का छलावा करार दिया है। उन्होंने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिले के सभी जनप्रतिनिधियों से मांग किया है कि वे प्रधानमंत्री से मांग कर बलिया को भी उस सूची में शामिल कराए। उन्होंने चेताया है कि बलिया का सूची में नाम सम्मिलित नही किया गया तो बलिया के हितों की अनदेखी के मसले को गम्भीरता से लेते हुए समाजवादी पार्टी जिले के नौजवानों, बुद्धिजीवी वर्ग को साथ लेकर व्यापक आंदोलन चलाएगी ।
पूर्व मंत्री राय ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा ये...
पूर्व मंत्री राय ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि कहा कि बलिया जिले ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भाजपा की पूरी झोली भर दी। वर्तमान समय में जिले में भाजपा के पांच विधायक व चार सांसद हैं, जिसमें दो लोकसभा से और दो राज्यसभा से हैं। उन्होंने भाजपा के जिले के जन प्रतिनिधियों पर तंज कसते हुए कहा कि इतने जन प्रतिनिधि होने के बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार ने बलिया को ठेंगा दिखाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का निर्णय निंदनीय है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि केंद्र सरकार ने अपने निर्णय से यह सिद्ध कर दिया है कि बलिया उसके विकास के एजेंडे में नही है।
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उन्होंने कहा कि जारी जिलों की सूची में ऐसे भी जिले शामिल हैं, जहां से प्रतिवर्ष दूसरे प्रांतों में जाने वाले श्रमिकों की संख्या सैकड़े में ही है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि बलिया जिले से दस लाख से अधिक लोग अपने परिवार के भरण पोषण के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं और किसी भी स्तर का कार्य करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे में बलिया को रोजगार प्रदान करने वाले जिलों की सूची में शामिल नहीं किया जाना हास्यास्पद है व समझ से परे है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी जनप्रतिनिधियो को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और अपने प्रभाव का उपयोग कर बलिया को रोजगार उपलब्ध कराने वाले जिलों में शामिल कराना चाहिए।
अनूप कुमार हेमकर
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