राज्य सभा में झटका खाई सपा की आक्रामक चुनावी रणनीति, पहले उतारे दो प्रत्याशी

राज्य सभा की 10 सीटों पर हुए चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के दूसरे प्रत्याशी को बहुजन समाज पार्टी ने यह कहकर समर्थन देने से इंकार कर दिया था कि सपा की ओर से किसी प्रत्याशी का एलान नहीं होने के बाद उसने अपना प्रत्याशी उतारा है।

Update:2021-01-13 13:29 IST
राज्य सभा में झटका खाई सपा की आक्रामक चुनावी रणनीति, पहले उतारे दो प्रत्याशी

अखिलेश तिवारी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने राज्य सभा चुनाव में देर से प्रत्याशी घोषित करने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए विधान परिषद चुनाव में पहला दांव खेल दिया है। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के साथ ही सपा नेतृत्व ने राजेंद्र चौधरी को भी प्रत्याशी बनाया है। अपने हिसाब से अखिलेश यादव ने विपक्षी दलों पर मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की कोशिश की है।

बीएसपी ने सपा का समर्थन करने से इंकार कर दिया था

राज्य सभा की 10 सीटों पर हुए चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के दूसरे प्रत्याशी को बहुजन समाज पार्टी ने यह कहकर समर्थन देने से इंकार कर दिया था कि सपा की ओर से किसी प्रत्याशी का एलान नहीं होने के बाद उसने अपना प्रत्याशी उतारा है। समाजवादी पार्टी अगर अपना प्रत्याशी उतारती तो बसपा की ओर से कोई प्रत्याशी नहीं दिया जाता।

ये भी देखें: औरैया: ईंट से कुचलकर महिला की निर्मम हत्या, शव देखकर कांप जाएगी रूह

सपा ने राजेंद्र चौधरी और अहमद हसन को प्रत्याशी घोषित किया

मायावती ने इस बात पर नाराजगी भी जताई थी कि उनके प्रत्याशी का ऐलान होने के बाद सपा ने अपना प्रत्याशी उतारा है। सपा नेतृत्व ने इससे सबक लेते हुए इस बार विधान परिषद की 12 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने बेहद करीबी राजेंद्र चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन को प्रत्याशी घोषित किया है। विधान परिषद की 12 सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए 32 विधानसभा सदस्यों के प्रथम वरीयता की आवश्यकता होगी।

ये भी देखें: प्रियंका ने योगी सरकार को घेरा, कहा- UP में महिलाओं के खिलाफ हर दिन 165 अपराध

सपा को इस सधी हुई रणनीति का फायदा मिल सकता है

समाजवादी पार्टी के विधानसभा में मौजूदा सदस्य संख्या 47 है उसके कुछ सदस्य पहले ही पाला बदल कर चुके हैं ऐसे में दूसरी सीट के लिए सपा के पास प्रथम वरीयता के केवल 12 से 13 मत बचेंगे। ऐसे में उसे कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी समेत सभी विपक्षी राजनीतिक दलों का समर्थन चाहिए। प्रत्याशी का पहले ऐलान कर समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने विपक्षी दलों को प्रत्याशी का ऐलान करने से रोकने वाली नैतिक लक्ष्मण रेखा खींच दी है।

इस लक्ष्मण रेखा को पार कर अगर कोई दूसरा राजनीतिक दल प्रत्याशी घोषित करता है तो उस पर भारतीय जनता पार्टी से सांठगांठ का आरोप लगेगा। ऐसे में सपा की इस सधी हुई रणनीति का फायदा उसे चुनाव में मिल सकता है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News