संभल में पथराव-हुड़दंग: ताबड़तोड़ पत्थरबाजी से स्थिति तनावपूर्ण, रंग को लेकर शुरू हुआ विवाद

Sambhal News: दोनों पक्षों की तरफ से पत्थरबाजी (Stone pelting) के बाद कोतवाली के खागू सराय इलाके में तनाव बना हुआ है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Monika
Update: 2022-03-19 02:56 GMT

संभल में रंग फेंकने को लेकर दो समुदायों में टकराव (photo : social media ) 

Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal News) जिले में होली मे रंग फेकने को लेकर दो पक्षों में जबर्दस्त टकराव हुआ है। दोनों पक्षों की तरफ से पत्थरबाजी (Stone pelting) के बाद कोतवाली के खागू सराय इलाके में तनाव बना हुआ है। पुलिस पूरे क्षेत्र में गश्त कर रही है। क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है। वहां पर किसी भी तरह से चार लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। पुलिस पूरी रात क्षेत्र में गश्त करती रही है।

जानकारी के अनुसार जब एक मस्जिद (mosque) के पास रंग और गुलाल खेलते हुए जुलूस निकल रहा था तभी कुछ युवकों ने मस्जिद पर रंग फेंक दिया जिससे दूसरे पक्ष के लोग उत्तेजित हो गए और कहा सुनी होने लगी। कहासुनी के दौरान ही मस्जिद के अंदर से पत्थर फेंके जाने लगे जिससे दूसरे पक्ष की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की जाने लगी। पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना को संभालने का प्रयास किया।

लाउडस्पीकरों को भी तोड दिया गया

बताया जा रहा है कि होली जुलूस निकलने के दौरान जब विवाद हुआ तो वहां पर लगे लाउडस्पीकरों को भी तोड दिया गया। इसके अलावा मस्जिद के पास एकत्र हुए लोगों ने वहां की सजावट आदि को भी उखाड़ दिया। पुलिस ने किसी तरह हालात को काबू में किया।

पुलिस ने मस्जिद में लगे रंग को साफ कराने का काम किया। इसके बाद वहां से निकल रहे जुलूस के लोग भी शांत हो गए और जुलूस आगे बढ गया।

इस बीच समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान ने शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि होली के दौरान मुस्लिम समाज के लोग ऐसे क्षेत्र में जाने से बचें जहां पर रंग खेला जा रहा हो। जिसे लोगों ने अच्छा नही माना है।

इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया के चेयरमैन ने की थे अपील 

वहीं होली के दो दिन पहले ही इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया के चेयरमैन रशीद फंरगी महली ने मुस्लिम समाज से अपील की थी कि वो एक दूसरे धर्म की भावनाओं को समझने का काम करें और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मस्जिदों में नमाज का वक्त आधा घंटा बढ़ाने का काम करें पर इसके बावजूद उनकी इस अपील का मुस्लिम समाज पर कोई असर होता नहीं दिखाई दिया है।

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