Electricity Bill 2022: इलेक्ट्रिसिटी बिल 2022 पारित हुए बिना समानांतर लाइसेंस देने का आदेश जनविरोधी- संघर्ष समिति
Electricity Bill 2022: कहा-निजी कंपनियां सरकारी डिस्काम का नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी और चेरी पिकिंग कर मुनाफे वाला क्षेत्र छीन लेगी।
Lucknow News: इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 14 के छठे प्रोविसो की अपने ढंग से व्याख्या करते हुए मिनिमम एरिया ऑफ सप्लाई परिभाषित किया गया है। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 पारित हुए बिना एक ही क्षेत्र में निजी घरानों को सरकारी कंपनी का नेटवर्क प्रयोग करने की अनुमति के साथ समानांतर लाइसेंस देने का यह आदेश जनविरोधी आदेश है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र ने कहा कि निजी कंपनियां सरकारी डिस्काम का नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी और चेरी पिकिंग कर मुनाफे वाला क्षेत्र छीन लेगी।
जनवरी में सांकेतिक हड़ताल हुई थी
परिणामस्वरूप सरकारी कम्पनी केवल घाटे वाले उपभोक्ताओं को बिजली देकर लॉस मेकिंग कम्पनी बन कर रह जायेगी। यह आदेश सम्पूर्ण वितरण क्षेत्र के निजीकरण हेतु उठाया गया कदम है। महाराष्ट्र में यही किया जा रहा था, जिसके विरोध में जनवरी में सांकेतिक हड़ताल हुई थी। संघर्ष समिति व्यापक जनहित में इसका प्रबल विरोध करती है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का क्या है कहना
इस प्राविधान के तहत समानांतर लाइसेंस के लिए निजी क्षेत्र की ओर से कोई आवेदन किया गया तो नियामक आयोग के समक्ष इसका प्रबल विरोध किया जाएगा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि सरकार विद्युत क्षेत्र का भी निजीकरण करना चाहती है। अगर इस क्षेत्र का निजीकरण हो गया तो बिजली तो महंगी हो ही जाएगी साथ ही उनकी मनमानी के चलते सरकार का भी उस पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा। निजी कंपनियां अपने फायदे के लिए इस तरह का हथकंडा अपनाती हैं। अगर बिजली विभाग के निजीकरण के बारे में ऐसा कोई फैसला लिया जाता है तो उसका संघर्ष समिति विरोध करेगी।