बरेली: मंदिर में पूजा करने से रोकी गई अनुसूचित जाति की बेटियां, जमकर हुआ बवाल

यूपी के बरेली जिले से नवरात्रि के पहले दिन एक ऐसी खबर आई है। जिसने नारी सशक्तिकरण और जातीय भेदभाव पर चलाए जा रहे तमाम जागरुकता कार्यक्रमों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है।

Update: 2023-06-21 11:37 GMT
नवरात्रि में तीसरे दिन इसी देवी की पूजा का महत्व है। कहा जाता है कि उनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए कल्याणकारी और सद्गति देने वाला है।

लखनऊ: यूपी के बरेली जिले से नवरात्रि के पहले दिन एक ऐसी खबर आई है। जिसने नारी सशक्तिकरण और जातीय भेदभाव पर चलाए जा रहे तमाम जागरुकता कार्यक्रमों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है। मामला अनुसूचित जाति की लड़कियों का मंदिर में पूजा करने से रोकने से जुड़ा हुआ है।

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जानकारी के मुताबिक बरेली के रिठोरा इलाके में स्थित पीपल देवी मंदिर की दीवार पर रविवार सुबह अनुसूचित जाति की कुछ बेटियां गौरी-गौरा पूजन की आकृतियां बना रही थीं। इसी दौरान मंदिर के पुजारी कालीचरण ने विरोध किया और उन्हें पूजा करने से मना कर दिया।

इससे नाराज बेटियों ने मौके पर अपने परिवार के लोगों को बुला लिया। इसके बाद वहां पर हंगामा होने लगा। इस घटना की सूचना जैसे ही पुलिस के पास पहुंची

होने के बाद यूपी 100 पुलिस मौके पर पहुंच गई और सख्ती से पूछताछ की। इसके बाद पुजारी ने सफाई दी कि दीवार पर गंदगी न हो इसलिए उन्होंने आकृतियां बनाने को मना किया था।

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पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिरों में प्रवेश से रोके जाने की खबरें पहले भी समय- समय पर आती रही है। ऐसा ही एक मामला 25 जुलाई 2019 को गाजियाबाद से सामने आया था।

जहां एक दलित महिला को मंदिर में घुसने से मना कर दिया गया और जब उसने इसका विरोध किया तो उसके साथ धक्का-मुक्की भी की गई। महिला ने इस घटना की शिकायत स्थानीय पुलिस से की। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

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