कुंभ : हजारों की होगी 'घर वापसी', जानिए कैसे होगा संस्कार
पुरुषों का संगम पर मुंडन, स्नान कराया जाएगा जबकि महिलायें सिर्फ स्नान करेंगी। इसके बाद सामूहिक पिंडदान व पूजन कराकर धर्म में वापसी होगी। इस क्रिया के बाद सभी को तुलसी का पौधा, भगवत गीता व रुद्राक्ष माला दी जाएगी।;
प्रयागराज : पिछले कुछ समय में देखा गया है कि अनुसूचित जाति- जनजाति व पिछड़ी जाति के लोग हिंदू धर्मं का त्याग कर रहे हैं। इनकी घर वापसी के के लिए जूना अखाड़ा अखाड़े ने 24 अप्रैल 2018 को मौज गिरि मंदिर में अनुसूचित जाति के कन्हैया प्रभुनंद गिरि का महामंडलेश्वर पदवी पर अभिषेक किया और उन्हें धर्मं छोड़ चुके हिंदुओं की घर वापसी की कमान सौंपी।
गिरी की प्रेरणा से इसबार कुंभ में 1413 लोग दीक्षा ले धर्म में वापसी को तैयार हो गए हैं।
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अब तक कितनों को किया प्रेरित
यूपी
जौनपुर 89
गाजीपुर 54
आजमगढ़ 123
अंबेडकरनगर 51
कुशीनगर 24
फैजाबाद 29
कौशांबी 43
इसके साथ ही मध्य प्रदेश 140, गुजरात 234, पंजाब 446, महाराष्ट्र से 180 लोगों ने वापस धर्म अपनाने के लिए अपनी सहमती दी है। इनमें 485 बौद्ध, 725 ईसाई व अन्य इस्लाम अपना चुके थे।
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कैसे होगा संस्कार
पुरुषों का संगम पर मुंडन, स्नान कराया जाएगा जबकि महिलायें सिर्फ स्नान करेंगी। इसके बाद सामूहिक पिंडदान व पूजन कराकर धर्म में वापसी होगी। इस क्रिया के बाद सभी को तुलसी का पौधा, भगवत गीता व रुद्राक्ष माला दी जाएगी। इसके साथ ही जो संन्यास लेंगे उन्हें हिंदू धर्म के तीज-त्योहार, संस्कार पर आधारित पुस्तक भी दी जाएगी, जिससे वह संत के रूप में प्रचार-प्रसार कर सकें।
क्या हैं महामंडलेश्वर कन्हैया प्रभुनंद गिरि
मैं बौद्ध, ईसाई व मुस्लिम बनने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ी जाति के लोगों से मिल रहा हूं। उन्हें संस्कार, सम्मान, शिक्षा, संगठन, सुरक्षा, संघर्ष व सेवा का मर्म समझाते हुए वापस हिंदू धर्म में आने को प्रेरित किया है।