वैज्ञानिकों ने तिल की फसल का किया परीक्षण, किसानों को मिलेगा ये फायदा

बुंदेलखंड जनपदों में ग्रीष्मकालीन ऋतु में बुवाई कर किसान भाई बहुत ही कम खर्च में अत्यधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

Update:2020-06-19 22:36 IST

हमीरपुर: कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा ग्रीष्मकालीन जायद में तिल फसल प्रजाति गुजरात तिल 2 व गुजरात तिल 5 का सफल परीक्षण विकासखंड कुरारा के ग्राम बरुआ में करन सिंह एवं कुरारा देहात में महेंद्र सिंह व मुस्करा विकास खंड के ग्राम चिल्ली के रघुवीर सिंह प्रगतिशील किसानों के यहां किया गया। केंद्र की शस्य कृषि वैज्ञानिक डॉ. शालिनी ने ग्रीष्मकालीन जायद ऋतु में किसानों के क्षेत्र में तिल फसल प्रजाति गुजरात तिल 2 व 5 की बुवाई 15 फरवरी से मार्च के प्रथम सप्ताह में सलाह दिया था।

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कम खर्च में अत्यधिक मुनाफा कमा सकते हैं

यह प्रजाति गुजरात कृषि विश्वविद्यालय गुजरात से निकाली गई है। जो हमारे बुंदेलखंड जनपदों में ग्रीष्मकालीन ऋतु में बुवाई कर किसान भाई बहुत ही कम खर्च में अत्यधिक मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि तिल में बहुत ही कम पानी की आवश्यकता होती है। अगर किसान भाई एक या दो पानी दे दे तो फसल तैयार हो जाती है। उन्होंने जायद ऋतु फसल तिल के बारे में और शोध करने की बात कही, यह शोध अगर पूर्ण रूप से सफल रहे तो किसान भाई गुजरात व मध्य प्रदेश की तरह वर्ष में दो बार तिल की फसल की बोआई बुंदेलखंड में भी कर सकते हैं।

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जनपद हमीरपुर में जायद ऋतु में अधिकांशतः खेत खाली पड़े रहते हैं, जिसके चलते अन्ना प्रथा को बढ़ावा मिलता है। अगर किसान भाई अधिक से अधिक अपने प्रेक्षेत्रों में तिल का आच्छादन कर देंगे तो निश्चित तौर से अन्ना प्रथा नियंत्रण पर बल मिलेगा। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसपी सोनकर ने कहा कि किसान भाई नई-नई तकनीक को अपनाकर आत्म निर्भर के साथ-साथ आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं।

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उन्होंने किसान साथियों को सलाह दिया की जायद ऋतु में तिल की बुवाई करने पर बरसात की अपेक्षा अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, क्योंकि खरीफ ऋतु में अधिक बारिश होने के कारण तिल की फसल खराब होने की संभावना हो जाती है। इसलिए किसान साथियों के लिए गीष्मकालीन तिल बहुत ही फायदेमंद है।

रिपोर्ट: रविंद्र सिंह

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