पीयू में हुआ नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 विषयक संगोष्ठी का आयोजन

भारत ने सदा विश्व के सताए गये अल्पसंख्यकों को अपनी भूमि पर शरण दी और लोक कल्याण की भावना से उनका कल्याण किया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी को भी देश से बाहर निकालने के लिए नहीं बना है। सुनियोजित तरीके से इसके सम्बन्ध में दुष्प्रचार किया गया।

Update: 2020-01-14 14:20 GMT

जौनपुर: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मंगलवार को प्रज्ञा प्रवाह द्वारा नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने अधिनियम के विविध आयामों और संशयों पर विस्तार से अपनी बात रखी।

देश से बाहर निकालने के लिए नहीं बना है सीएए- प्रो० राकेश

मुख्य वक्ता शताब्दी पीठ, भारत अध्ययन केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रोफेसर राकेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि भारत भूमि से हर प्रकार का दर्शन सम्पूर्ण संसार में फैला है। भारत ने सदा विश्व के सताए गये अल्पसंख्यकों को अपनी भूमि पर शरण दी और लोक कल्याण की भावना से उनका कल्याण किया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी को भी देश से बाहर निकालने के लिए नहीं बना है। सुनियोजित तरीके से इसके सम्बन्ध में दुष्प्रचार किया गया।

ये भी देखें : एक गलती पड़ जाएगी भारी: अगर गलती से भीड़े इस बाहुबली से

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के आचार्य एवं उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग के सदस्य प्रोफेसर आर एन त्रिपाठी ने कहा कि समग्रवाद का चिंतन सिर्फ भारत में होता है। नागरिक संशोधन अधिनियम मनुजता को बचाने का और भारतीय संस्कृति को बचाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि भारत पोषण करने वाला देश है न कि शोषण करने वाला। आज जागरूक नागरिक का कर्तव्य है कि जन जन को नागरिक संशोधन अधिनियम के प्रति भ्रम को दूर करे और उसकी वास्तविकता बताएं।

नागरिकता संशोधन अधिनियम जोड़ने का काम करेगा

अपने अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा की नागरिक संशोधन अधिनियम देश की आवश्यकता है। उन्होंने आइंस्टीन का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति वैज्ञानिक आधार पर बनी हुई है । यह जोड़ने वाली संस्कृति है,अलग करने वाली नहीं । नागरिकता संशोधन अधिनियम भी ऐसा ही है जो जोड़ने का काम करेगा ।

उन्होंने कहा कुछ लोग इसका दुष्प्रचार कर रहे हैं इसे रोकने की जरूरत है।इस अवसर पर कुलपति, कुलसचिव, मुख्प्रोय वक्ता प्रो राकेश कुमार श्रीवास्तव आर.एन. त्रिपाठी, जिला शिक्षक संघ के संतोष सिंह नीतू सिंह, अश्विनी सिंह, मनोज तिवारी और डॉ संजय श्रीवास्तव को अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मानित किया गया।

सहकारी पीजी कॉलेज मेहरावां के प्राचार्य डॉ सत्येंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक ने विषय प्रवर्तन किया। प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष प्रो अविनाश पाथर्डीकर ने अतिथियों का परिचय एवं एडवोकेट डॉ सुभाष चन्द्र शुक्ल ने गणेश वंदना प्रस्तुत किया। मुगलसराय के डॉ. हरिश्चंद्र सिंह ने हे जन्म भूमि भारत, हे कर्म भूमि भारत देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया।

ये भी देखें : भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच के बीच CAA का विरोध, प्रदर्शनकारियों ने PM से की ये बड़ी मांग

अतिथियों को अंगवस्त्रम और श्रीमदभगवत गीता भेंट की गई

अतिथियों को अंगवस्त्रम और श्रीमदभगवत गीता भेंट की गई। संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने और धन्यवाद ज्ञापन अश्विनी सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह, नीरज सिंह, डॉ राधेश्याम सिंह, डॉ सूर्य प्रकाश सिंह मुन्ना, शिव प्रकाश, ब्रम्हेश शुक्ल, चंद्रेश सिंह, डॉ कीर्ति सिंह, डॉ हरिओम त्रिपाठी, डॉ आर एन ओझा प्रो वी डी शर्मा, प्रो अजय प्रताप सिंह, डा सरला त्रिपाठी, अंजलि त्रिपाठी, डा. अविनाश पाथीर्डेकर, राकेश यादव, डॉ प्रमोद कुमार यादव, डा सुनील कुमार, डा। दिग्विजय सिंह राठौर, डा. जाह्वी श्रीवास्तव, डा. मनोज पांडेय, डा. आलोक दास, डा. सुधीर उपाध्याय, डा. विवेक सिंह,तुषार श्रीवास्तव,डॉ अभिषेक श्रीवास्तव समेत शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

 

Tags:    

Similar News