Shamli News: पाकिस्तान से छूटा तो घर आने की थी खुशी, यहां हो गया गिरफ्तार, मां ने कहा- मेरा बेटा बेकसूर
Shamli News: पांच दिन पहले यूपी एसटीएफ (UP STF) ने आइएसआई एजेंट कलीम को गिरफ्तार कर खुलासा किया कि वो भारतीय सैन्य ठिकानों की तस्वीरें पाकिस्तान भेजता था।
Shamli News: शामली में पकड़े गए आइएसआई एजेंट कलीम की मां ने अपने बेटे को बेकसूर बताया है। कहा है कि पाकिस्तान में यातनाएं झेलने के बाद बेटा खुशी-खुशी वतन वापस आया था। लेकिन किसे पता था कि यहां भी बदनसीबी उसकी पीछा नहीं छोड़ेगी।
मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग
संदिग्ध आइएसआई एजेंट कलीम की मां आमना ने ‘न्यूजट्रैक’ से बातचीत में खुलकर अपनी कहानी बयां की। बताया कि उसका बेटा कलीम अपनी बुआ के यहां पाकिस्तान गया था। लेकिन वहां के अधिकारियों को रिश्वत नहीं देने पर उसे झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। कलीम और उसके पिता 13 महीने पाकिस्तान की जेल में बंद रहे।
बार्डर पर पाक अधिकारियों ने मांगा था पैसा
आंखों में आंसू लिए आमना लड़खड़ाती आवाज में बताती हैं कि ‘इधर के कुछ साल उनके परिवार के लिए आफत जैसे साबित हुए हैं। कलीम और उसके पिता 14 महीने पहले अपनी बुआ के यहां पाकिस्तान क्या गए, मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।’ कलीम की मां आमना ने बताया कि उसके पति नफीस और बेटा कलीम पाकिस्तान में अपनी बुआ के यहां करीब 28 दिन रूके थे। जैसे ही वह वापस बॉर्डर पर पहुंचे तो पाकिस्तान के अधिकारी उनसे 50,000 रुपये की मांग करने लगे। जवान बेटे ने वहां के अधिकारियों से बहस क्या कर ली, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हथियार तस्करी का आरोप लगाया गया। पाकिस्तान की अदालत से उन्हें दो महीने की सजा हुई, लेकिन रिहाई 13 महीने बाद हो सकी।
बेटे के आने की खुशी फिर गम में हुई तब्दील
आमना कहती हैं कि ‘बेटा वतन वापस लौटकर काफी खुश था। वो पाकिस्तान में ढाए गए जुल्मों को भुलाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन ऊपर वाले को शायद कुछ और ही मंजूर था।’ एक दिन शामली के क्षेत्र में उसके सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नौमीनपुरा मोहल्ले के घर के बाहर दस्तक होती है। बाहर एसटीएफ (UP STF) और पुलिस के जवान मौजूद थे। मां आमना ने कहा कि उस वक्त पुलिस वाले कह रहे थे कि कुछ पूछताछ करने के बाद वापस भेज देंगे, लेकिन दो दिन बाद पता चला कि उसे आइएसआई का एजेंट बताकर जेल भेज दिया गया है।
जासूसी के आरोप में भेजा गया जेल
कलीम को पांच दिन पहले यूपी एसटीएफ ने उठाया था। वो आइएसआई का एजेंट बताया गया और कहा गया कि उसके मोबाइल से मिली जानकारी तस्दीक करती है कि वो आइएसआई का एजेंट है। पुलिस के मुताबिक कलीम का भाई तहसीन भी आइएसआई के लिए काम करता है। इन लोगों के द्वारा पाकिस्तान में अपने आक़ा आइएसआई का कुख्यात दिलशाद मिर्जा को हिंदुस्तान के सेना ठिकानों की फोटो, राफेल विमान की फोटो व अन्य बहुत सारी सामग्रियां भेजी गई थीं। वह लगातार आइएसआई एजेंट के संपर्क में था। कलीम व उसके भाई तहसीन को सहारनपुर निवासी एक यूसुफ नाम का शख्स फर्जी आईडी पर सिम लाकर देता था। जिससे यह पाकिस्तान में बैठे अपने आइएसआई आक़ा दिलशाद मिर्जा से बात करते थे। तहसीन पूर्व में भी नशे के कारोबार में जेल जा चुका है। हालांकि, कलीम की मां का कहना है कि उसके बेटे बेकसूर हैं, उन्हें तो पाकिस्तान में यातनाएं दी गईं लेकिन यहां पहुंचने पर उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया, इस मामले की जांच होनी चाहिए।