शरीयत के खिलाफ है शादी में 'महिला वेटर' रखना, दरगाह से फ़तवा जारी

Update: 2018-03-13 05:16 GMT

बरेली: दुनियाभर के सुन्नी मुसलमानों को अपने फतवे से रास्ता दिखाने वाली दरगाह ‘आला हजरत’ ने मुस्लिम शादियों में महिला वेटर के रखे जाने, खाना परोसने, बारातियों के साथ सेल्फी लेने, बेपर्दा होकर नाचने-गाने को गैर शरई माना है। अब इसी संबंध में 'आला हजरत' से एक फतवा जारी हुआ है।

दरअसल, क्षेत्र थाना सी.बी.गंज के गांव तिलियापुर के रहने वाले ‘बख्तियार खां’ ने दरगाह से मुस्लिम शादियों में महिला वेटर द्वारा खाना परोसना, गैरमर्द के सामने नाचने और बारातियों के साथ सेल्फी लेने जैसे मुद्दे पर दरगाह से सवाल किया था।

बख्तियार खां

इसी सवाल के जवाब में अब ‘आला हजरत’ मदरसा मंजरे इस्लाम के मुफ़्ती सय्यद कफील अहमद हाशमी, मुफ़्ती अफरोज नूरी बरेलवी ने शरीयत के रौशनी में जवाब दिया कि, ऐसी बारात में नहीं जाना चाहिए, जहाँ गैर शरई काम हुआ हो, व ऐसी शादियों में आलिम इमाम को भी दूर रहना चाहिए।

बता दें कि, बख्तियार खां ने बरेली के एक शादी समारोह में कुछ मुस्लिम वेटर महिलाओं को खाना परोसते देखा था, जिसके बाद उन्होनें दरगाह के उलेमों से इस मसले को लेकर सवाल किया था।

गौरतलब है कि, ‘आला हजरत’ के ‘उलेमाओं’ ने पहले भी शादी में बैंड बाज़ा बजने पर ‘निकाह’ नहीं पढ़ने की सिफारिश की थी, वहीँ बरेली की दरगाह ‘आला हजरत’ से जारी हुए फतवे दुनिया भर के सुन्नी मुस्लमान क़ुबूल करते हैं।

 

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