पांच एकड़ जमीन मिली तो शिया वक्फ बोर्ड बनवायेगा बड़ा अस्पताल: वसीम रिजवी
फैसला सुप्रीम कोर्ट ने किया है वह अन्तिम है और रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद प्रकरण के विवाद का अंत है और राष्ट्रहित में हैं। बैठक में पूर्ण बहुमत से यह फैसला लिया गया कि शिया वक्फ बोर्ड की वर्ष 1946 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में लिमिटेशन एक्ट के अंतर्गत देरी से दाखिल होने के कारण खारिज कर दिया था।
लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड ने कहा है कि अगर किन्ही वजहों से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में मस्जिद के लिए दी जा रही पांच एकड़ जमीन को नहीं लेता है तो शिया वक्फ बोर्ड उक्त जमीन को लेने की दावेदारी कर सकता है।
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि उनका बोर्ड विवाद को पूरी तरह से खत्म करना चाहता है और पांच एकड़ जमीन पर जनहित के लिए एक अस्पताल बनाने का प्रस्ताव लायेगा।
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अगर पांच एकड़ जमीन मिली तो उस पर शिया वक्फ बोर्ड बनवायेगा बड़ा अस्पताल: वसीम रिजवी
शिया वक्फ बोर्ड के कार्यालय में बुधवार को बोर्ड की बैठक हुई, जिसमे बोर्ड के कुल सात सदस्यों में से पांच सदस्य मौजूद रहे। सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरह ही शिया वक्फ बोर्ड ने भी अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में रिव्यू पिटीशन में न जाने का फैसला किया हैं।
शिया वक्फ बोर्ड इस मामले में रिव्यू पिटीशन में नहीं जायेेगा
बोर्ड का कहना है कि जो भी फैसला सुप्रीम कोर्ट ने किया है वह अन्तिम है और रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद प्रकरण के विवाद का अंत है और राष्ट्रहित में हैं। बैठक में पूर्ण बहुमत से यह फैसला लिया गया कि शिया वक्फ बोर्ड की वर्ष 1946 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में लिमिटेशन एक्ट के अंतर्गत देरी से दाखिल होने के कारण खारिज कर दिया था।
अब शिया वक्फ बोर्ड इस मामले में रिव्यू पिटीशन में नहीं जायेेगा।
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बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ किसी भी तरह की कोई रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से देश के हालात खराब हो सकते है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के मुसलमानों ने बहुमत के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार भी किया है।
शिया वक्फ बोर्ड, मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की राय से सहमत नहीं है और न ही शिया वक्फ बोर्ड, मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का अंग है।