कभी सुना है! यहां शिव के क्रोध से खौल रहा कुंड, खोली जहां तीसरी आंख
हिमाचल प्रदेश में नीलकंठ ने क्रोध में आकर अपने त्रिनेत्र खोल दिए थे। हिमाचल में जिस जगह महादेव ने अपने त्रिनेत्र खोले थे, वो जगह आज भी धरती पर मौजूद है। और इस जगह पर गर्म पानी का स्त्रोत आज भी है।
नई दिल्ली : देवों के देव है महादेव। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। भोलेनाथ को शांत और रूद्र दोनों स्वभाव का माना जाता है। भोले बाबा के नाम के हिसाब से वे भोले-भंडारी तो हैं ही, लेकिन महादेव को जब गुस्सा आता है तो उनके गुस्से से कोई बच नहीं पाता है। महादेव का ऐसा ही रुद्र विकराल रुप हिमाचल प्रदेश में देखने को आज भी मिलता है। हिमाचल की ये वो जगह है जहां भोले बाबा ने क्रोधवश होकर अपने त्रिनेत्र खोले थे।
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खोली जहां तीसरी आंख
हिमाचल प्रदेश में नीलकंठ ने क्रोध में आकर अपने त्रिनेत्र खोल दिए थे। हिमाचल में जिस जगह महादेव ने अपने त्रिनेत्र खोले थे, वो जगह आज भी धरती पर मौजूद है। और इस जगह पर गर्म पानी का स्त्रोत आज भी है।
मणिकर्ण नाम की जगह
जानकारी के लिए बता दें कि प्राचीन हिंदू ग्रंथों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण नाम की जगह पर महादेव ने अपनी तीसरी आंख खोली थी। साथ ही यह भी बताया जाता है कि एक बार पार्वती जी के कान का कुंडल पानी में गिर गया था। जो होते हुए पाताल लोक पहुंच गया था।
इसे ढूंढ़ने के लिए शिव जी ने अपने शिष्यों को आदेश दिया था। मगर उनके हाथ लगी नाकामयाबी से शिव जी नाराज हो गए थे। जिसके चलते उनका भयानक स्वरूप देखने को मिला था।
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प्राचीन ग्रंथों के अनुसार महादेव का गुस्से वाला रूप देखकर वहां नैना देवी प्रकट हुई थीं। उन्होंने महादेव की मदद की थी। वो पाताल-लोक में जाकर शेषनाग से मणि लौटाने के लिए कहा और तब शेषनाग ने भगवान शिव जी को वह मणि उपहार स्वरुप दे दी।
गर्म पानी का स्त्रोत
हिमाचल में तब से शिव जी का मंदिर है। इस मंदिर के पास में ही एक गर्म पानी का स्त्रोत भी है। पुराणों में कहा जाता है कि जिन लोगों को त्वचा रोग या अन्य कोई समस्या होती है, उन्हें इस कुंड में स्नान करने से लाभ होता है।
इसके अलावा यहां पास में एक गुरुद्वारा भी है, जहां दर्शन करने से लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं। लोगों की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
भक्त यहां गर्म पानी के कुंड में चावल तक पका लेते हैं। कुंड का पानी इतना गर्म होता हैं कि पल भर में ही चावल पक जाते हैं। महादेव का साक्षात चमत्कार हिमाचल में देखने को मिलता है।
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