शिवपाल यादव ने की सहकारिता क्षेत्र के चुनावों को टालने की मांग
कई सालों तक सहकारिता की राजनीति में आगे रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि उप्र सहकारी ग्राम्य विकास बैंको के प्रस्तावित चुनावों को स्थगित किया जाना चाहिए।
लखनऊ: कई सालों तक सहकारिता की राजनीति में आगे रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि उप्र सहकारी ग्राम्य विकास बैंको के प्रस्तावित चुनावों को स्थगित किया जाना चाहिए। हांलाकि इसके पीछे उन्होंने कोरोना के संकट को बताया है पर इसके पीछे उनकी अपनी छिपी राजनीति बताई जा रही है।
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ज्ञात हो कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त, सहकारिता द्वारा बैंक के निर्वाचन के लिए अधिसूचना जारी की गई है, जिसके अनुसार बैंक के निर्वाचन की प्रक्रिया 21 अगस्त से प्रारम्भ होनी है।
अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि बैंक का निर्वाचन गांव स्तर पर स्थापित बैंक शाखाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है और शाखा स्तर पर निर्वाचन के लिए प्रत्येक प्रत्याशी को प्रचार हेतु गांव - गांव भ्रमण करके सदस्यों से सम्पर्क करना होता है। आज की परिस्थिति में कोरोना महामारी को देखते हुए निर्वाचन के लिए जनसम्पर्क कर पाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है।
शिवपाल यादव ने कहा कि उपर्युक्त दिक्कतों को ही ध्यान में रखते हुए 10 जुलाई को उ०प्र० सहकारी समिति अधिनियम-1965 की धारा 29(3) में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए आयोग द्वारा गन्ना विभाग की प्रारम्भिक सहकारी समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जा चुका है। अतः इसी आधार पर उ०प्र० सहकारी ग्राम्य विकास बैंक की समस्त शाखाओं का निर्वाचन भी स्थगित हो।
कोरोना को लेकर शिवपाल यादव ने कहा ये
शिवपाल यादव ने आगे कहा कि बहुत से संभावित प्रत्याशी और मतदाता वर्तमान में या तो कोरोना संक्रमित के सम्पर्क में आने से क्वारंटाइन में हैं या स्वयं कोविड से संक्रमित हैं। यदि बैंक का निर्वाचन इस दौरान सम्पन्न कराया जाता है तो ऐसे में सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य दिशनिर्देशों का पालन करना भी सम्भव नहीं है।
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प्रसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि देश और प्रदेश पर मंडरा रहे वैश्विक कोरोना वायरस संक्रमण संकट के खिलाफ जंग में उत्तर प्रदेश एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। कोरोना का प्रकोप अब शहरों से आगे बढ़ते हुए गावों में फैल चुका है। ऐसे में यह आवश्यक है कि आने वाले कुछ महीनों में स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
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