शिवपाल की पार्टी के सपा में विलय पर प्रसपा नेता ने दिया बड़ा बयान
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब लगभग सपा-बसपा गठबंधन टूट चुका है। सोशल मीडिया पर चाचा भतीजे के बीच सुलह की खबरें खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। सोशल मीडिया में सपा और प्रसपा के विलय की खबरों का प्रसपा ने खंडन किया है।
कानपुर: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब लगभग सपा-बसपा गठबंधन टूट चुका है। सोशल मीडिया पर चाचा भतीजे के बीच सुलह की खबरें खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। सोशल मीडिया में सपा और प्रसपा के विलय की खबरों का प्रसपा ने खंडन किया है।
प्रसपा ने बयान जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रम फैलाया जा रहा है कि प्रसपा व सपा का विलय होने वाला है। यह खबर महज एक अफवाह है। इसमें नाम मात्र की भी सच्चाई नहीं है।
चुनाव नतीजों पर मायावती के बयान के बाद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच सुलह होने की खबरें सामने आने लगीं। इसके साथ ही इस बात पर भी चर्चा होने लगी कि यदि चाचा भतीजे मिलकर चुनाव लड़ते तो यादव समाज का वोट नहीं बंटता। सपा कन्नौज, इटावा और बदायूं जैसी महत्वपूर्ण सीटें नहीं हारती। दरअसल शिवपाल को सपा का मैनेजमेंट गुरु माना जाता रहा है।
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प्रसपा के प्रदेश सचिव आशीष चौबे ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन होने से यादव समाज सपा से नाराज हो गया है। पूरे उत्तर प्रदेश की यादव महासभा और यादव समाज ने अब शिवपाल सिंह यादव को अपना नेता मान लिया है। आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूरा यादव समाज प्रसपा के साथ खड़ा होगा। लोकसभा चुनाव में सपा को इसका परिणाम भी भुगतना पड़ा है। सपा 5 सीटों पर सिमट कर रह गई। वहीं बसपा शून्य से 10 सीटों पर पहुंच गई है।
प्रसपा नेता ने कहा कि बसपा ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सपा से गठबंधन किया था। जैसे ही उसका स्वार्थ पूरा हुआ उसने सपा को दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया। उन्होंने कहा कि बसपा का चरित्र शुरू से ही धोखा देने का रहा है। बसपा सुप्रीमों ने अपने राजनीतिक जीवन में सभी दलों को धोखा दिया है। उनका दोहरा चरित्र ही उनकी असली पहचान है।
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आशीष चौबे ने कहा कि सोशल मीडिया में भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं कि प्रसपा का सपा में विलय होने जा रहा है। प्रसपा इस तरह की खबरों का खंडन करती है। हमारी अपील है कि इस तरह की खबरों पर विश्वास नहीं करें। हमने करोड़ो कार्यकर्ताओं की रजामंदी से ये पार्टी बनाई है। हम उनके विश्वास को नहीं तोड़ेंगे। प्रसपा बहुत आगे बढ़ चुकी है और अब वापस लौटने का सवाल नहीं उठता है।