2024 से पहले बनेगा राम मंदिर, हमारे लिए मोदी-शाह ही सुप्रीम कोर्ट: संजय राउत

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के दौरे से पहले राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत तैयारियों का जायजा लेने अयोध्या पहुंचे। यहां पर उनके सुर बदले नजर आए। उन्होंने कहा कि रामलला राजीनित का विषय नहीं हैं वह हमारी आस्था का विषय है।

Update: 2019-06-15 11:46 GMT
sanjay raut

अयोध्या: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के दौरे से पहले राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत तैयारियों का जायजा लेने अयोध्या पहुंचे। यहां पर उनके सुर बदले नजर आए। उन्होंने कहा कि रामलला राजीनित का विषय नहीं हैं वह हमारी आस्था का विषय है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के पहले जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या आए थे तो वह केंद्र सरकार पर मंदिर मुद्दे को लेकर हमलावर थे। शिवसेना प्रमुख ने अयोध्या में नारा दिया था पहले मंदिर फिर सरकार पर अब उसका रुख नरम है।

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इस बार शिवसेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गुणगान करती दिखाई दी। बता दें कि उद्धव 18 सांसदों के साथ सपरिवार रविवार को रामलला के दर्शन करेंगे। सभी सांसदों के साथ अयोध्या आएंगे उद्धव ठाकरे।

उद्धव ठाकरे रामलला से मांग करेंगे कि राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरू होगा। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मोदी और योगी के नेतृत्व में ही राम मंदिर का निर्माण होगा।

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उन्होंने कहा कि राम मंदिर मामले पर बीजेपी रूपरेखा तय करेगी। संजय राउत ने कहा कि शिवसेना घटक दल है और मंदिर के लिए मोदी और शाह सुप्रीम कोर्ट। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए सरकार को याद दिलाने की जरूरत नहीं है।

शिवसेना सांसद ने कहा है कि 2024 के पहले राम मंदिर जरूर बनेगा और इसी संकल्प के साथ हम अयोध्या वापस आए हैं। उन्होंने कहा, '' राम मंदिर के मुद्दे पर हमारे लिए नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही सुप्रीम कोर्ट हैं। राम मंदिर की दिशा में काम चल रहा है बस इंतज़ार है सुप्रीम कोर्ट के हरी झंडी मिलने का जो बहुत जल्द मिल जाएगी।''

संजय राउत ने अयोध्या में कहा, '' हम मंत्री पद या लोकसभा डेप्युटी स्पीकर पद के लिए यहां दबाव बनाने नहीं पहुंचे हैं। हम राम मंदिर बनाने का संकल्प लेकर पहुंचे हैं। शिवसेना में उपमुख्यमंत्री पद के लिये कोई गुटबाज़ी नहीं है।''

उन्होंने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर कहा कि जब पार्टी प्रमुख शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने की बात करते हैं तो उपमुख्यमंत्री पद के लिए विवाद, गुटबाज़ी या उसे स्वीकारने का कोई सवाल ही नहीं आता।

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