Shravasti News: सीएम योगी ने मां पाटेश्वरी का किया पूजन, रामकथा में कहा सनातन धर्म भारत की आत्मा, हर भारतीये पर आघात

Shravasti News: सीएम ने शक्तिपीठ देवीपाटन में ब्रह्मलीन महंत महेंद्र नाथ की 24वीं पुण्यतिथि पर आयोजित राम कथा में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म किसी भाषा या क्षेत्र से दूर होने की बात नहीं करता।

Update:2024-11-21 18:25 IST

Shravasti news (newstrack)

Shravasti News: सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को तुलसीपुर स्थित सिद्धपीठ देवी पाटन मंदिर में मां पाटेश्वरी का दर्शन-पूजन किया। और माता पाटेश्वरी से प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके पहले सीएम ने मंदिर परिसर में स्थित गौशाला का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएम ने गौशाला का निरीक्षण करने के बाद गायों को चारा और गुड़ भी खिलाया।

सीएम ने मंदिर के महंत से व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। मालूम हो कि सीएम योगी जब भी बलरामपुर आते हैं तो मंदिर में दर्शन करने के बाद गौ सेवा जरूर करते हैं। उपचुनाव के लिए मतदान के दिन बुधवार को वह अयोध्या में ही रहे और दर्शन-पूजन किया। इसके बाद शाम को वह बलरामपुर आए। इसके पहले सीएम दो दिवसीय दौरे पर बुधवार शाम देवीपाटन मंदिर पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म भारत का प्राण है। यह भारत की आत्मा है। यह भारत का आधार है। इसके बिना विकसित और स्वस्थ भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि यदि सनातन धर्म कमजोर होगा तो भारत और भारत की संस्कृति कमजोर होगी और यदि सनातन धर्म पर आघात होगा तो यह आघात भारतीयों पर होगा। इसका पिछला इतिहास गवाह है। उन्होंने कहा कि हम भारतीयों को पिछले इतिहास से सीख लेते हुए सनातन धर्म को मजबूत करना चाहिए। क्योंकि यदि सनातन धर्म कमजोर हुआ तो भारत भी कमजोर होगा और ऐसी स्थिति में पूरे विश्व में मानवता के विरुद्ध संकट उत्पन्न हो जाएगा। ऐसी स्थिति में सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। यह प्रत्येक भारतीय का दायित्व बनता है।

सीएम ने शक्तिपीठ देवीपाटन में ब्रह्मलीन महंत महेंद्र नाथ की 24वीं पुण्यतिथि पर आयोजित राम कथा में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म किसी भाषा या क्षेत्र से दूर होने की बात नहीं करता। यह सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया के स्वप्न को साकार करता है। यह साथ बोलने, साथ सोचने और साथ चलने की प्रेरणा देता है। यह सभी कार्यों को साथ मिलकर पूरा करना सिखाता है। इसके साथ ही यह प्रत्येक प्राणी को सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि जहां भी कुछ ऐसा है जो सनातन धर्म के मार्ग में बाधा बन रहा है, उन कमजोरियों को पहचान कर समय रहते उनका उपचार किया जाए। तभी हम अपनी मातृभूमि के ऋण से मुक्त हो सकेंगे।

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